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________________ ( २९४) परिवार सहितेन श्री भीकर्पटहेटके स्वयंभु पार्श्वनाथ बेस्ये श्री पार्श्वनाथ ... ... .. ... ... ... ... ... .. सिंह सूरि पहाल कार श्री जिन चंद्र सूरिभिः सुप्रसन्नो मवतु । अलबर । अलवर राज्यकी राजधानी यह छोटा और सुन्दर शहर है। ( 2 ) सं० १२५५ माघ मुदि ६ - - - - ।। (963) सं० १२९४ ० ५० ५ गुरौ श्री ... वंशे पितामही प्याऊपिउ पित सोला श्रेयो पत्र नाग दिन - न भा० जागत्र मात एतेन सहितेन श्री पाश्र्वनाथो विषं कारितः । प्रतिष्ठित भी पार्श्वनदेव सूरिभिः। ( 8 ) सं० १३०३ वर्षे माघ सुदि . - सोमे देवानं हित गच्छे अं. १ माला भार्या सिंगार देवो पुण्यार्थं सुत हरिपालादिमिः श्री शांतिनाथ बिंय कारित प्रतिष्टिष श्री सिंहदत्त सूरिभिः । स० १३२४ वैशाख सुदि ३ थरुपति कुलेन सापे छोसा ..... ( 9 ) सं० १३७८ जेष्ट वदि ५ गुरु श्री उपकेश गच्छे लिङ्ग - । गोत्रे ... सा. खिंन घर सिर पाल भार्या पत्र कील्हा मुणि चंद्र लाहड वाहढादि सहिताभ्यां कुटुम्ब श्रेयो श्री शांतिनाप बिका. प्रतिधी कक्क सूरिभिः ।
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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