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________________ म में आचार विचारगत मतभेद स्वावलम्बन साम्यवाद २९४ वेदों की पौरुषेयता २९७ ईश्वर का अकर्तृत्व ३०१ बगत को महाप्रलय ३०२ श्राद्ध को प्रयथार्थता ३०७ नहीं होती अपुत्रस्य गतिर्नास्ति ३११ मनुप्य सर्वज्ञ हो सकता है ३१३ मुक्ति से जीव वापिस ३१५ कर्मवाद नहीं माता हृदय का परिवर्तन ३२० मृतक को गति ३२० जैन धर्म और बौद्ध धर्म अष्टम अध्याय जैनधर्म और बौद्धधर्म ३२४ जैन और बौद्ध दोनो ३२४ समकालीन हैं धर्मो मे कौन प्राचीन ? जैनदर्शन और बौद्ध ३२६ बौद्ध दर्शन दर्शन में दार्शनिक अंतर जैन दर्शन ३३७ जनधर्म और बौद्धधर्म ३४४ जैन धर्म और बौद्धधर्म ३४५ मे समानता मे भिन्नता जैनदर्शन और चार्वाक दर्शन-नवम अध्याय चार्वाक और जैन दर्शन ३५० चार्वाक दर्शन में अन्तर जैन दर्शन 's
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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