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________________ "नामक नय समभिरूढ़ नय ५७ एवभूत नय सप्त नयो का पारस्परिक ५९ स्याद्वाद और नयवाद का ६० सम्बन्ध सम्बन्ध तत्व मीमांसा द्वितीय अध्याय तत्त्व कितने हैं ? ६१ प्रात्म मीमासा भूतवादी प्राणात्मवादी मनोमय प्रात्मा उपनिषदो का पात्मवाद ७३ एव तथागत बुद्ध का अना स्मवाद दार्शनिको का आत्मवाद ७८ । आत्मा एक है या अनेक? ७९ वेदांत में विचार-भेद ८० [शंकर का मायावाद] सत्योपाधि वाद विशिष्टाद्वैतवाद द्वैताद्वैत-भेदाभेदवाद भेदवाद अविभागाद्वैतवाद शैवमत जैनो का द्वैतवाद जीव एक है, अनेक हैं आत्मा का परिमाण यह कैसे? जीव नित्यानित्य है.सांख्य ९३ । नैयायिक वैशेषिको का ९४ का कटस्थवाद नित्यवाद बौद्धों का प्रनित्यवाद वेदान्त का परिणामी १५ नित्ययाद प्रात्मा का कर्तृत्ववाद ९७ और भोक्तृत्ववाद दार्शनिको की मान्यता ९८ अजीव-मोमासा ११५ धर्म और अधर्म द्रव्य, ११५
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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