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________________ ५५८ भगवई खधे, एगयत्रो सखेज्जपएसिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगयो दो सखेज्ज एसिया खवा भवति, ग्रहवा एगयत्रो परमाणुपोग्गले, एग दुपए सिए खवे, एगयो दो सखेज्जपएसिया खधा भवति जाव अहवा एगयो परमाणुपोग्गले एगयो दसपएसिए खधे, एगयग्रो दो सखेज्जपएसिया खधा भवति, ग्रहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ तिष्णि सखेज्जपए सिया खधा भवति, अहवा एगयो दुपए सिए खधे, एगयो तिणि सखेज्जपएसिया खधा भवति जाव हवा एगयो दसपए सिए खधे, एगयो तिण्णि सखेज्जपएसिया खधा भवति, अहवा चत्तारि सखेज्जपएसिया खवा भवति, एव एए कमेणं पचगसजोगो वि भाणियव्वो जाव नवगसजोगो । दसहा कज्जमाणे एगयो नव परमाणुपोग्गला, एगयो सखेज्जपए सिए खधे भवइ, ग्रहवा एगय अट्ट परमाणुपोग्गला, एगयो दुपए सिए, एगयो सखेज्जपए सिए खधे भवइ । एएण कमेण एक्केक्को पूरेयव्वो जाव ग्रहवा एग यो दसपएसिए खधे, एगयो नव सखेज्जपएसिया खधा भवति, ग्रहवा दस सखेज्जपएसिया खधा भवति । सखेज्जहा कज्जमाणे सखेज्जा परमाणु पोग्गला भवति ॥ ७६ असखेज्जा भते । परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णति', साहणित्ता किं भवइ ? गोयमा । सखेज्जपएसिए खधे भवइ । से भिज्जमाणे दुहा वि जाव दसहा वि, सखेज्जहा वि, असखेज्जहा वि कज्जइ – दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयम्रो असखेज्जपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयो दसपएसिए खधे भवइ, एगयो प्रसखेज्जपए सिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयो सखेज्ज. पएसिए खधे, एगयो असखेज्जपएसिए खधे भवइ, ग्रहवा दो असखेज्जपएसिया खधा भवति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयो असखेज्जपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खधे, एगयग्र असखेज्जपए सिए खधे भवइ जाव अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ दसपएसिए खधे, एगयो प्रसखेज्जपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयत्रो परमाणुपोग्गले, एगयो सखेज्जपएसिए खंधे, एगयो असखेज्जपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयो दो अमखेज्जपएसिया खधा भवति, ग्रहवा एगयओ दुपए सिए खधे, एगयओ दो ग्रसखेज्जपएसिया खधा भवति, एव जाव अहवा एगयो सखेज्जपएसिए खधे, एगयओ दो असखेज्जपएसिया खंधा भवति, अहवा तिणि ग्रसखेज्जपएसिया खधा भवति । चउहा कज्जमाणे एगयो तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयो असखेज्जपएसिए खधे भवइ; एव चउक्कगसजोगो जाव दसगसजोगो । एए जहेव सखेज्जपएसियस्स, नवरं - प्रसखेज्जग एग अहिंग भाणियव्व जाव ग्रहवा दस १. साहणति ( अ, क, ख, म, स ) 1
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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