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________________ चारसम सत (चउत्थो उद्देसो) ५५७ परमाणुपोग्गला, एगयो पचपएसिए खधे भवइ; हवा एगयो चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयश्रो दुपए सिए खधे, एगयो चउपए सिए खधे भवइ, ग्रहवा एगो चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयत्रो दो तिपएसिया खधा भवति, ग्रहवा एगयो तिणि परमाणु पोग्गला, एगयत्रो दो दुपएसिया खधा, एगयो तिपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयश्री दो परमाणुपोग्गला, एगयत्रो चत्तारि दुपसिया खधा भवति । सत्तहा कज्जमाणे एगयो छ परमाणुपोग्गला, एगो चउप्पएसिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयो पच परमाणु पोग्गला, दुपसि खधे, एगयो तिपएसिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयो चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ तिणि दुपएसिया खधा भवति । अट्ठा कज्जमाणे एगयत्रो सत्त परमाणुपोग्गला, एगयो तिपएसिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयो छ परमाणुपोग्गला, एगयो दो दुपएसिया खधा भवति । नवहा कज्जमाणे एगयो अट्ठ परमाणुपोग्गला, एगयो दुपए सिए खधे भवइ । दसहा कज्जमाणे दस परमाणु पोग्गला भवति ॥ ? ७८. सखेज्जा ण भते । परमाणुपोग्गला एगयत्रो साहण्णति, साहणित्ता किं भवइ गोयमा । सखेज्जपए सिए खधे भवइ । से भिज्जमाणे दुहा वि जाव दसहा वि सखेज्जहा विकज्जइ - दुहा कज्जमाणे एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो सखेज्जपएसिए खधे भवइ; ग्रहवा एगयओ दुपए सिए खधे, एगयो सखेज्जपएसिए खधे भवइ, एगयओ तिपएसिए खधे, एगयओ सखेज्जपए सिए खधे भवइ, एव जाव हवा एगयो दसपए सिए खधे, एगयो सखेज्जपएसिए खधे भवइ, ग्रहवा दो सखेज्जपएसिया खधा भवति । तिहा कज्जमाणे एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगयओ सखेज्जपएसिए खधे भवइ; अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो दुपए सिए खधे, एगयो स खेज्जप एसिए खधे भवइ, श्रहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो तिपएसिए खधे, एगयो सखेज्जपएसिए खधे भवइ, एव जाव ग्रहवा एगयत्रो परमाणुपोग्गले, एगयो दसपएसिए खधे, एगयो सखेज्जपए सिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयत्रो दो सखेज्जपएसिया खंधा भवति, ग्रहवा एगयओ दुपए सिए खधे, एगयत्रो दो सखेज्जपएसिया खधा भवति एव जाव अहवा एगयो दस एसिए खधे, एगयओ दो सखेज्जपएसिया खधा भवति, ग्रहवा तिण्णि सखेज्जपएसिया खधा भवति । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयत्रो सखेज्जपए सिए खधे भवइ, ग्रहवा एगयत्रो दो परमाणुपोग्गला, एगयो दुपए सिए खधं, एगयओ सखेज्जपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयो तिप्पएसिए खधे, एगयो सखेज्जपएसिए खधे भवइ, एव जाव प्रहवा एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगयो दसपएसिए ,
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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