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________________ तृतीयो वर्गः ] भापाटीकासहितम् । [ ४१ छत्तचामरातो ० -छत्र और चानर मांगा जितसत्तू - जितशत्रु राजा सयमेव - अपने आप ही निक्खमणं करेति - धन्य कुमार की दीक्षा के लिये उपस्थित होगया । जहा-जैसे धावञ्चापुत्तस्स-स्त्यावत्यापुत्र का कहो - कृष्ण बासुदेव ने किया था इसी प्रकार जाब- यावत् पव्वतिते - प्रत्रजित होकर अणगारे - अनगार (साधु) हुआ ईर्यासमिते- वह ईर्या-समिति बाला जाव - यावत् साधुओं के सब गुणों से युक्त बंभयारी - ब्रह्मचारी हुआ । मूलार्थ उस काल और उम समय मे श्रमण भगवान महावीर स्वामी वहां विराजमान हुए | नगर की परिषद् उनकी बन्दना के लिये गई । कोणिक राजा के समान जितशत्रु राजा भी गया । धन्य कुमार भी जमालि कुमार की तरह गया । विशेषता केवल यही है कि धन्य कुमार पैदल ही गया । दूसरी विशेषता यह है कि (भगवान् के उपदेश को सुनकर ) उनने कहा कि हे भगवन् ! मैं अपनी माता भद्रा सार्थवाहिनी को पूछ कर आता हूँ । इनके अनन्तर मैं आपकी सेवा में उपस्थित होकर दीक्षित हो जाऊँगा । ( वह घर आया ) उसने अपनी माता से जिस प्रकार जमालि कुमार ने पूछा था. उसी प्रकार पूछा । माता यह सुनकर मूर्च्छित हो गई । (मूर्च्छा से उठने के अनन्तर ) माता-पुत्र में इस विषय में प्रश्नोत्तर हुए | जब वह भद्रा महाबल के नमान पुत्र को रोकने के लिये समर्थ न हो सकी तो उसने स्त्यावत्यापुत्र के समान- जितशत्रु राजा से पूछा और दीक्षा के लिए छत्र और चामर की याचना की । जितशत्रु राजा ने स्वयं उपस्थित होकर जिस प्रकार कृष्ण बासुदेव ने स्त्यावन्यापुत्र की दीक्षा की थी इसी प्रकार धन्य कुमार का दीक्षा-महोत्सव किया । धन्य कुमार दीक्षित हो गया और ईर्ष्या समिति, ब्रह्मचर्य आदि सम्पूर्ण गुणों से युक्त होकर विचरने लगा । टीका - इस सूत्र में वर्णन किया गया है कि जयॅ श्रमण भगवान् नहावीर स्वामी काकन्दी नगरी ने विराजमान हुए तो नगर की परिषद् के साथ धन्य कुमार भी उनके दर्शन करने और उनसे उपदेशामृत पान करने के लिए उनकी सेवा ने उपस्थित हुआ । उनके उपदेश का धन्य कुमार पर इतना प्रभाव पड़ा कि वह तत्काल ही सम्पूर्ण सांसारिक भोग-विलासों को ठोकर नार कर गृहत्य से साधु बन गया ।
SR No.010856
Book TitleAnuttaropapatikdasha Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherJain Shastramala Karyalay
Publication Year1936
Total Pages118
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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