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________________ 12 आधुनिक विज्ञान और अहिंसा कर जब पृथ्वी पर पुन सकुशल लौट आता है तो सोवियत संघ उसका हार्दिक अभिनन्दन करता है और हर्ष की वाढ उमड़ आती है। यह बतलाया जाता है कि 23 घण्टे 45 मिनट तक अन्तरिक्ष यान वोस्तोक-2 ने भूमण्डल के दस चक्कर लगाए और 410000 किलोमीटर की दूरी अर्थात पृथ्वी और चॉद के बीच की दूरी से अधिक दूरी तय की। तितोव की इस सफल यात्रा ने सारे विश्व को स्तब्ध बना डाला है। राष्ट्र के बडे-बड़े सुधीर वैज्ञानिको का विश्वास इतना निश्चित हो चला है कि हम गीघ्र ही चन्द्र व मंगल ग्रह की यात्रा करने में सफल हो सकेंगे। मेजर घेर्मान तितोव ने सोवियत संघ की महासभा मे अपना वक्तव्य देते हुए यह वतलाया कि "उड़ते समय मुझे भूख नहीं लगी पर मास्को समय से लगभग साढे बारह बजे मैंने दिन का खाना और छठी परिक्रमा मे रात का खाना खाया । सातवी से वारहवी परिक्रमा के वीच हमारे अन्तरिक्ष नाविक ने कार्यक्रम के अनुसार सोकर विश्राम किया। तेरहवी परिक्रमा जव प्रारम्भ हो रही थी तब उसकी नीद खुली और उडान के दौरान मे उसने कसरत की।" समूचे विश्व का ध्यान आज सोवियत अनुसंधान की प्रगति पर केन्द्रित है । वास्तव मे वैज्ञानिक युग की ये सबसे बड़ी उपलब्धि है।
SR No.010855
Book TitleAadhunik Vigyan Aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Kantisagar, Sarvoday Sat Nemichandra
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1962
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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