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________________ 111 आधुनिक विज्ञान और अहिंसा मिडनी प्रयत्नशील ये। प्रयोगशाला में जाने पर नौकर से वृत्तान्त ज्ञात कर वे सीधे जापान पहुँचे, जहाँ गान्ति संघ के सदस्यो ने इनका स्वागत किया। वहाँ वे सहायता केन्द्र देखने के लिए ले जाये गये। वहाँ डाक्टर विलियम ने पूछा, "क्या आपमे से कोई यह बता सकता है कि इस विनाशकारी अणु बम की शोध किसने की है।" सिडनी के मुख ने निकोलस का नाम निकला। विलियम ने उसके गायब होने की बात कही। इतने मे स्वयं सेवको ने मरी और सिडनी को तथाकथित भारतीय के बुलाने की बात कही। वे उसके पास चले गये और उसे देखते ही सिडनी ने चाक कर कहा "यो मेरे निकोलस क्या तुम यहाँ हो! तुम्हारी यह हालत !" मेरी तथा डॉक्टर को वस्तुस्थिति समझने मे देर न लगी। सिडनी निकोलस को अपने कैम्प मे ले गया। वहाँ सभी शान्तिवादी अमेरिकन उसके समक्ष बैठ गये, मैरी ने जब कहा चार्ल्स मुझे नहीं पहचाना ! उसने लड़खड़ाती जिह्वा से कहा 'मैरी, तू सत्य प्रमाणित हुई । मैं अवश्य नरक मे जाऊंगा' यह कहते हुए प्राण त्याग दिये। तात्पर्य जिसने विनाश के लिए अपने 40 वर्षका श्रम किया वह स्वयं उसी का लक्ष्य बन गया।
SR No.010855
Book TitleAadhunik Vigyan Aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Kantisagar, Sarvoday Sat Nemichandra
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1962
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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