SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 135
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१२) संघायमाला ऋतणो दृष्टांत-कह्यो ए, शास्त्रतणे अनुसार जी ॥ धीरविमल गुरुराज पसायें, नर्यविमल सुखकारंजी। ॥ सर्वगाथा ६॥ इति नरजव दश दृष्टांताधिकारे चक्रनामा सप्तम दृष्टांतः स्वाध्याय समाप्तः ॥७॥ ॥अथ कूर्मनामा अष्टम दृष्टांत स्वाध्याय प्रारंजः॥ -- .. : - ॥दोहा॥ ॥ मानवनव वि[ नवि हुवे, समवसरण मंमाणः॥ कपकश्रेणि परमावधि, तिम मणपङावनाण ॥१॥ तेमाटे उत्तम कह्यो, चिहुंगतिमाहे एह ॥ पंचम गतिने पामवा, मूलमंत्र वलि जेह ॥२॥. ....... ... ॥ ढाल पहेली।। . . . . . . ॥नायकानी देशी ॥ हवे बोढुं हुं आठमो रे, कलपनो दृष्टांत रे ॥ चतुरनर ॥ वीरजिणंद कहे इस्युं रे, गौतमने हितवंत रे ॥.चतु॥१॥ नविजन जाव धरी सुणो हो लाल ॥नीर नस्यो अह रूअडोरे, अनेक || जोयणने मान रे ॥ च ॥ कहियें नीर खूटे नहिं रे, जिम नाणीनुं नाणरे ॥च॥ ॥॥ मीन पाठीन घणा तिहां रे, जलचर जीव अनेकरे ॥ च ॥ जाति घणी जिम नयरमा रे, निवसे.तिम अंति करे ॥ चण ॥ ज०॥३॥ पाखरनी परें वाचस्यो रे, तस ऊपर सेवाल रे ॥ च ॥ पव ने पण नविनेदियें रे, जिम कमलें करवाल रे ।। च ॥ ज०॥४॥ ति हां निवसे एक काबबो रे, जूनो थिर जस आय रे ॥चा पुत्रादिक परि वार\ रे, सुखमांहे दिन जाय रे ॥ च ॥०॥५॥ वायुवशे तिहां एक दारे, विखरीयो सेवाल रे॥०॥ देखे ग्रहगण परवयु रे, शशधरबिंब विशाल रे॥ च ॥६॥ हरख्यो हियडे चिंतवे रे, वस्तु अनोपम एह रे ॥चा देखाडुं परिवारने रे, एम चिंती गयो तेह रे ॥ च॥७॥ तेडी कुटुंब आवे जिसे रे, ते काब ततकाल रे ॥ चणा पवन ऊकोल्यो तेटलें रे, ऊपरवाल्यो सेवाल रे ॥ च ॥७॥ नमी जमी अहसघलो तिहां रे, मनमांहे थयो खिन्न रे ।। च ॥पर्ण नवि दीगे चंडमा रे, जिम पुर्गति सुररत्न रे ॥ च ॥ ए॥ वली एहमा कहियेंक काब्बो रे, शशी दर्शन ते लहंत रे॥चणा मिथ्याबलें तेम हारीयो रे, नरजव फरीन लहंत रे ॥१० | ॥ १७॥ जन्म जरा जलपूरियो रे, अह सम ए संसार रे ॥ च० ॥ ति हां संसारी जीवडो रे, जलचरने अवतार रे ॥ चण्॥१॥ ज्ञान पवनें नवि दियें रे, मिथ्यामत सेवाल रे॥च॥ तिहां कालीब सम जाणीयें - - - - -
SR No.010852
Book TitleSazzayamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1988
Total Pages425
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy