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________________ बुन्देलखण्ड के कवि ६२३ (१०) कोविद, कृष्णदास, कवि कारे, दिग्गज, रतन, लाल प्रण वारे, अवुज, काली, नदकुमारे, नवलसिंह पजनेस हुए थे, मचित, द्विज अवधेस । (११) 'प्रेम', 'व्यास', 'रसिकेन्द्र', गुणाकर, 'लाल विनीत' 'मीर' से कविवर, काव्य-कला-कमनीय दिवाकर, अमर कर गये नाम प्रान्त यह है गुणियो का धाम । ( १२ ) वीर पुरुष ऐसे है जाये, वसुधा ने जिनके गुण गाये, विश्व-वद्य इसने उपजाये, अगणित कवि शिरमौर, गिनाएँ 'शङ्कर' कितने और। ( १३ ) जग जीवन वे सफल कर गये, अमर हुए है, यदपि मर गये, भव्य-भारतीकोष भर गये, कविता-कामिनि-कांत यहीं थे, है ऐसा यह प्रात । झासी 1
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
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