SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 140
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ फोर्ट विलियम कॉलेज और विलियम प्राइस "स्वस्ति श्रीयुत फोर्ट उलियम कालिज के नायक सकलगुणनिधान भागवान कपतान श्री मार्सल साहव के निकट मुज दीन की प्रार्थना f ११६ मैंने सुना कि कालिज में प्रेमसागर की अल्पता है इस कारण में छपवाने की इच्छा करता हु और मेरे यहां छापे का यन्त्र श्री उत्तम अक्षर नये (?) ढाले प्रस्तुत है इसलिए मैं चाहता हू कि जो मुझे आपकी आज्ञा होय तो में वही पुस्तक उत्तम विलायती कागज पर अच्छी श्याही से आपकी अनुमति के अनुसार छपवा दूं परंतु वह पुस्तक चार पेंची फरमें से अनुमान २६० दो सौ साठ पृष्ठ होगी जो ६) छ रुपैयो के लेखे २०० दो सौ पुस्तक श्राप लेवें तो छापे के व्यय का निर्वाह हो सके ॥ ॥ ॥ इति किमधिक ॥ ता० १ जुलाई श्री योगध्यान मिश्र ॥ " " स० १८४१ । यह लेख उन्नीसवी शताब्दी पूर्वार्द्ध के हिन्दी गद्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण समझा जा सकता है । विलियम प्राइस दिसम्बर, १८३१ ई० में पद त्याग कर यूरोप चले गये थे । उनके वाद हिन्दी हिन्दुस्तानी विभाग का अध्यक्ष भी कोई नही हुआ । श्रतएव योगध्यान मिश्र का लेख उनसे दस वर्ष बाद का और उनकी भाषा नीति के निश्चित परिणाम का द्योतक है । प्रयाग ] यद्यपि विलियम प्राइस हमे कोई नया गद्य-ग्रन्थ न दे सके तो भी उनके विचारो ने कॉलेज की भाषा नीति में जो परिवर्तन किया वह गिलक्राइस्ट के विचारो की भ्रमात्मकता सिद्ध करने एव वर्तमान भाषा सम्वन्धी गुत्थी के सुलझाने की दृष्टि से विशेष महत्त्वपूर्ण है । २४ जनवरी, १८५४ के सरकारी आज्ञा-पत्र के अनुसार कॉलेज तोड दिया गया । 'प्रोसीडिंग्ज नॉव दि कॉलेज प्रॉव फोर्ट विलियम, १८ नवम्बर, १८३७ - ३० अक्तूबर, १८४१, होम डिपार्टमेंट, मिसलेनियस जिल्व १६, पृ० ६०५, इम्पीरियल रेकॉर्ड्स डिपार्टमेंट, नई दिल्ली ।
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy