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________________ --na- A ma MMM KESAnnapMRAPPERSORoopchwwwROS . चतुर्विशतितीर्थकरजयमाला. २३७६ करहिं सेव ॥ जय जय श्री अजित अनंत जोर । जयःजय जि ह कर्म हरे कठोरं ॥२॥ जय जय प्रभु संभव शिवसरूप। जय ह जय शिवनायक गुण अनूपः।। जय जय अभिनंदन निर्विकार 10 जय जय जिहिं कर्म किये निवार ॥ ३॥ जय जय श्री सुमति सुमति प्रकाश । जय जय सव कर्म निकर्म नाशः ॥ जय जय है पदमप्रभ पदम जेम । जय जय रागादि: अलिप्त नेम ॥ ४॥ जय जय जिनदेव सुपाव पास । जय जय गुणपुंज. कह निदेवास ।। जय जय चंद्रप्रभ चन्द्रक्रांति । जय जय तिहुं पुरजन हरन भ्रांति ॥५॥ जय जय पुफदंत महंत देव ।। जय जय पट द्रव्यनि कहन भेव ।। जय जय जिन शीतल शीलमूल । ॐ जय जय मनमथ मृग़ शारदूल ॥ ६ ॥ जय जय श्रेयांस अनं है इत बच्छ । जय जय परमेश्वर होप्रतच्छ । जय जय श्री. जिनवर वासुपूज । जय जय पूज्यनके पूज्य तूज ॥ ७॥ जय जय प्रभु विमल विमल महंत । जय जय सुख दायक हो अनंत ।। जय जय जिनवर श्री अनंत नाथ । जय जय शिवरमणी ग्रहण हाय॥८॥ जय जय श्री धर्म जिनेन्द्र धन्न । जय जय जिन निश्चल करन मन्न ॥ जय जय श्रीजिनवर शांतिदेव । जय जय चक्री तीर्थकरेव ॥९॥जय जय श्रीकुंथु कृपानिधान । जय जय मिथ्यातमहरन है भान ।। जय जय अरिजीतन अरहनाथ । जय जय भवि जीवन मुक्ति साथ ॥१०॥ जय जय मलि नाथ महा. अभीत । जय जय जिन मोहनरेन्द्र जीत ॥ जय जय मुनिसुव्रत.तुम सु ज्ञान । जय जय त्रिभुवनमें दीप. भान ॥ ११.. जय जय नमि-ह S. .ही. . . . . , .. .":. ? PerupamaanadaNCOMPANDEDARPORNPREPORT tionairewasenaviRanamARIPAREnavanaraswathavanapanasanapAIDSnapUDIO905 spaceroutere erantwoorwaa
SR No.010848
Book TitleBramhavilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year
Total Pages312
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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