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________________ MMA · O NDrapistomisedprobabevanpravaavanaPERDOSEVERaavURE REPOPORWADRAYARDPROPPEOPARDA नंदीश्वरदीपकी जयमाला. पांचों इन्द्री अति वटपारे । परम धर्म धन मूसन हारे॥ खांहिं पियहि एतो दुख भरना । एते पर एता क्या करना-२१३ सिद्ध समान न जाने आपा । तात तोहि लगत है पापा.. खोल देख घट पटहिं उघरना । एते पर एता क्या करना॥२२॥ श्रीजिनवचन अमल रस वानी। पीवहिं क्यों नहिं मूढ अज्ञानी। जातें जन्म जरा मृत हरना । एते पर एता क्या करना। जो चेते तो है यह दावो. । नाही बैठे मंगल गावो ॥3 फिर यह नरभव वृक्षन फरना । एते पर एता क्या करना॥२४॥ भया' विनवहि वारंवारा । चेतन चेत भलो अवतारा ॥ ह्र दूलह शिव नारी वरना । एते पर एता क्या करना ॥२५० दोहा. ज्ञानमयी दर्शन नमयी, चारितमयी स्वभाय । सो परमातम ध्याइये, यह सु मोक्ष उपाय ॥२६॥ सत्रहसो इकतालके, मारगशिर शितपक्ष ॥ तिथि शंकर:गन लीजिये, श्रीरविवार प्रतक्ष ॥ २७॥ इति उपदेशपचीसिका. weatheretogeta are au awet presents the अथ नंदीश्वरद्वीपकी जयमाला । - दोहा.. . वंदो श्रीजिनदेवको, अरु वंदों जिन वैन ॥ . जस प्रसाद इह जीवके, प्रगट होय निज नैन ॥१॥ श्रीनंदीश्वर द्वीपकी, महिमा अगम अपार ॥ कहूं तास जय मालिका, जिनमतके अनुसार ॥२॥ tanderPIPPRPAPPORARDPREnepamPORPORN RAM acestea
SR No.010848
Book TitleBramhavilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year
Total Pages312
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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