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________________ व्यक्तिगत स्थिति परिवारकी स्थितिका व्यक्ति के हृदय पर प्रतिविम्ब पडता है | वालककी अपनी निजी विशेषताएं होती हैं । फिर भी परिवार के सदस्य और विशेषतः मा के कार्य-व्यवहार एवं आचार-विचार बालक के दिलको सीधे तौर पर हुए बिना नहीं रहते । आचार्यश्रीने अपने संस्मरणोंमे लिखा है- “मेरी माताजीकी अधिक धार्मिक प्रकृति होने के कारण सभी घरवालोमे और मुझमे भी अच्छे धार्मिक संस्कार गहरे जम गये । रोजाना सतियो के ' दर्शनके लिए जाना, उनका व्याख्यान सुनना, सेवा करना आदि कार्या वडी दिलचस्पी रहती थी । १ लाडनू में वृद्ध साध्विया स्थायी रूपसे रहती है, इसलिए विशेष रूप में उन्हीका नामोल्लेख किया गया है ।
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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