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________________ विषय-प्रवेश मूल वात यह है, मुझे आचार्य श्री तुलसीके जीवनका अध्ययन करना है। कहा तक सफल हो सकूगा, इसकी मुझे चिन्ता नहीं। मैं सग्राहक हृ, पारखी नहीं। तथ्योका संकलन करना मेरा काम है, कसौटी वननेके लिए मैं दुनियाको निमन्त्रण दंगा। इसलिए दंगा कि इससे उनके जीवनका सम्बन्ध है, जो मनुष्याकार प्राणीसे लडनेवाले वर्गके प्रतिनिधि है। आजके मानवकी दृष्टिमे मबसे जटिल समस्या रोटी और कपड़े की है। आप इससे सहमत नहीं। आपने एक प्रवचनमे कहा- "रोटी मकान और कपड़की ममम्यासे अधिक महत्त्वपूर्ण समस्या मानवमे मानवताके अभावकी है ।" भौतिकवाद और अध्यात्मवादके बीच यह एक बड़ी खाई है। इनकी सन्धि- समझौता सम्भव नहीं लगता।
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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