SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रवचन की पटिया ८० को मावधान रहना चाहिए। आत्मोन्लाहन भौतिक साधनांका माय गीण । धर्मकी प्रतिष्टा धार्मिक प्रवृत्तियोंसे ही बद सकती। __आप धमम तान और श्रद्धाका पूर्ण नामसम्य चाहते हैं । आपकी दृष्टिग पुरुपोरे जातान है. वहा श्रद्धामी कमी है। महिलाएं श्रद्धाग्ने परिपूर्ण है. तो जानने पीछे हैं। दोनों और अपगपन। आपने महिलाओकी ममा भापण करत 10 फरा शानफे पिना मला अधूरी। मंकारी महिला अपनी मानिफ लिा सपी अध्यापिका मोती। उनके अलान का परिणाम मन्नतिको भी भागना पडता है।" मी गाव पलास निकाल कान्नि-याणी या पर सा परिभिर नी, उन पर भी नामरीटि र नीra
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy