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________________ ३२ संस्कृत साहित्य का इतिहास ख्यान का रचियता इस बात का विश्वासी प्रतीत होता है कि महाभार राम की कहानी याद है । KÖPLATLA (२) बौद्ध साहित्य के सम्बन्ध से इस बारे में अधोलिखित बातें ध्यान देने योग्य है: -- - पाली जातकों' में दशाथ जातक ( रामोपास्नान ) कुछ प्रद बदलकर कहा गया है । इस जातक में पानी के रूप में रामायण (६, १२८ ) का एक रोक भी पाया जाता है { श्रा--- रामायण के दूसरे काण्ड के सहवें सर्ग में दशरथ ने शिकार के समय में मारे जाने वाले जिय तापस कुमार की कथा सुनाई है, साम जातक में वह कथा शायद अधिक पुराने रूप में पाई जाती है 1 3 इ - कुछ और भी जातक हैं, जिनमें ऐसे प्रकरण आते हैं, जो रामायण की याद दिलाते हैं। हाँ, उन प्रकरणों और रामायण के प्रकरयों में समानता केवल कहीं-कहीं पाई जाती है । ई-प्रोफेसर सिकवेन देवी ने इस विषय का गहरा अध्ययन किया है। उनका कहना है कि बौद्धग्रन्थ सद्धर्ममृत्युस्थान" निस्सन्देह वाल्मीकि का ऋणी है । उह ग्रन्थ का जम्बूद्दीप-वर्णन रामायस के दिग्दर्शन से बिलकुल मिलता है। इसके अतिरिक्त इस अन्य में नदियों समुद्रों, देश और दोषों का उल्लेख विजकुत उसी शैली से किया गया है, जिस शैली से यह रामायण में है । १. साहित्य में ये जातक अपने प्रकार के आप ही है । इनमें पूर्ण बुद्ध बनने से पहले के बुद्ध के जन्म-जन्मान्तरों की कथाए कही गई हैं ! २. विपिटिक में श्राया हुआ एक पाली जातक । ३. विटरनिट्ज कृत भारतीय साहित्य का इतिहास ( इगलिश ) भाग १, पट ५.०९ । ४. मूल गन्ध प्राप्य है । किन्तु इसका एक बड़ा टुकड़ा शांति देव के शिक्षासमुच्चय में सुरक्षित है । ५. यदि कहा जाय कि शायद वाल्मीकि ने ही बौद्धस्मृतियों से कुछ लिया हो, तो यह ठीक नहीं । कारण कि माझा धर्म
SR No.010839
Book TitleSanskrit Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Agrawal, Lakshman Swarup
PublisherRajhans Prakashan
Publication Year1950
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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