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________________ अध्याय २ रामायण और महाभारत ( ७ ) ऐतिहासिक महाकाव्यों की उत्पत्ति श्रानस्ड कहता है "ऐतिहासिक महाकाव्य का विषय कोई गुम्फित बड़ी घटना होनी चाहिए । मुख्य मुख्य पात्र उच्चकुलोत्पन्न तथा उच्चविचारशाली होने चाहिएँ । विषय के सदृश उसके वर्णन का प्रमाण ( Standard ) भी उच्च हो । ऐतिहासिक महाकाव्य का विकास संवाद, स्वगत ( भाषण ) और कथालाप से हुआ है ।" यह बात हमारे ऐतिहासिक महाकाव्य रामायण और महाभारत पर भी पूर्णतया लागू होती है | रामायण में रावण के ऊपर प्राप्त हुई राम की विजय का वर्णन है और महाभारत में कौरवों और पाण्डवों के परस्पर के युद्ध का दोनों ही काव्यों के पात्र राजवंशज हैं और उनका चरित्र बड़े कौशल से चित्रित किया गया है। स्त्रीपात्राों में एक असाधारण व्यक्तित्व पाया जाता है ? । उक्त दोनों महाकाव्य महला उत्पन्न नहीं हो गये | भारत में ऐतिहासिक कविता का मूल ऋग्वेद के संवाद वाले सूक्कों में मिलता है। १. उदाहरणार्थ, महाभारत में द्रौपदी एक कुलोन देवी है, जिसे सदा अपने गौरव का ध्यान है, जो भारी से भारी विपत्ति के काल मे भ अधीर नहीं होती, जिसके सतीत्व में सन्देह का लेश भी नहीं हो सकता, फिर भी मानवीय प्रकृति की सब दुर्बलताएं उसमे हैं ।
SR No.010839
Book TitleSanskrit Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Agrawal, Lakshman Swarup
PublisherRajhans Prakashan
Publication Year1950
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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