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________________ 4. जैसे कमल कलिकाओं का हरित प्रसिद्ध है परन्तु काव्यों में मे वर्णन किया जाना चाहिए 1 2 गुणगत अर्थ में सत् का अनिबन्धन 3. 1 2 3 4 5 6 - द्रव्यगत नियम का निबन्धन जैसे मलयाचल मे ही चन्दन की उत्पत्ति और हिमालय मे ही भूर्ज - पत्रों का होना द्रव्यगत नियम है 12 इसके अतिरिक्त इन्होंने कुछ प्रकीर्णक द्रव्यों मे भी कवि समय के सिद्धान्त को स्वीकार किया है जैसे क्षीर और क्षार समुद्र, सागर और महासागर की एकता । 时时 कुन्दन की कलियों एवं कामिनियों के दाँतों का रक्त वर्ण वर्ण और प्रियगु पुष्पों का पीत वर्ण, लोक समय के अनुसार उनका श्वेत एव श्याम वर्ण ग्रीष्म और वर्षा मे ही होने वाले मे ही वर्णन और प्राय सभी ऋतुओं मे होने केवल वर्षा मे ही वर्णन करने का नियम है । 4 गुपगत नियम का निबन्धः - काव्यमीमासा वही - पृष्ठ वही वही वही क्रियागत नियम का निबन्धन वही सामान्यत काव्य तथा मेघों का कृष्ण किया जाता है का, कृष्ण और श्याम का, रूप से वर्णन करना चाहिए 16 - - - - - कवि - पृष्ठ 2010 204 पृष्ठ 204 पृष्ठ 207 पृष्ठ 212, अध्याय - पृष्ठ 213 - - - नियम के निबन्धन - - - - 5 रचना मे माणिक्य का वर्ण ताल, पुष्पों का श्वेत कृष्ण और नील का कृष्ण और हरित का एव शुक्ल और गोर वर्ण का समान । पीत व रक्त 15 - - - - कोकिल शब्द का केवल वसन्त वाले मयूर नृत्य व मयूर शब्द का
SR No.010838
Book TitleAlankar Chintamani ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArchana Pandey
PublisherIlahabad University
Publication Year1918
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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