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________________ बाईसवां समवाय बावीसइमो समवायो १. बावीसं परीसहा पण्णता, तं जहादिगिछापरीसहे पिवासापरीसहे सीतपरीसहे उसिणपरीसहे दंसमसगपरोसहे अचेलपरीसहे अरइपरीसहे इत्थिपरीसहे चरियापरीसहे निसीहियापरीसहे सेज्जापरीसहे अक्कोसपरीसहे वहपरीसहे जायणापरीसहे अलाभपरीसहे रोगपरीसहे तणफासपरोसहे जल्लपरीसहे सक्कारपुरस्कारपरीसहे नाणपरीसहे दसणपरीसहे पण्णापरीसहे। १. परीपह/सहिष्णु-धर्म वाईस प्रज्ञप्त है। जैसे कि-~दिगिछा/क्षुधा-परीपह, पिपासापरीषह, शीत-परीपह, उष्ण-परीपह, दंशमशक-परीपह, अचेल-परीषह, अरति-परीषह, स्त्री-परीषह, चर्यापरीषह, निपद्या-परीषह, शय्यापरीपह, आक्रोश-परीपह, वधपरीपह, याचना-परीपह, अलाभपरीषह, रोग-परीपह, तृण-स्पर्शपरीषह, जल्ल-परीषह, सत्कारपुरस्कार-परीपह, प्रज्ञा-परीषह, अज्ञान-परीषह, प्रदर्शन-परीपह । २. बावीसइविहे पोग्गलपरिणामे पण्णते, तं जहाकालवण्णपरिणामे नीलवण्णपरिणामे लोहियवण्णपरिणामे हालिद्दवण्णपरिणामे सुक्किलवण्णपरिणामे सुन्भिगंधपरिणामे दुन्भिगंधपरिणामे तित्तरसपरिणामे कड़यरसपरिणामे कसायरसपरिणामे अंदिलरसपरिणामे महुररसपरिगामे कक्खडफासपरिणामे मउयफासपरिणामे गरुफासपरिणामे लहुफासपरिणामे सीतफासपरिणामे उसिणफासपरिणामे गिद्धफासपरिणामे लुक्खफासपरिणामे २. पुद्गल-परिणाम वाईस प्रकार के प्रज्ञप्त है। जैसे कि१. कृष्णवर्णपरिणाम, २. नीलवर्णपरिणाम, ३. लोहितवर्णपरिणाम, ४. हारिद्रवर्णपरिणाम, ५. शुक्लवर्णपरिणाम, ६. सुरभिगन्धपरिगाम, ७. दुरभिगन्धपरिणाम, ८. तिक्तरसपरिणाम, ६. कटुकरसपरिणाम, १०. कषायरसपरिणाम, ११. आम्लरसपरिणाम, १२. मधुररसपरिणाम, १३. कर्कशस्पर्शपरिणाम, १४. मृदुस्पर्शपरिणाम, १५. गुरुस्पर्शपरिणाम, १६. लघुस्पर्शपरिणाम, १७. शीतस्पर्शपरि • समवाय-सुत्तं समवाय-२२
SR No.010827
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages322
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size10 MB
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