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________________ नवमं नन्दिणीपियज्झयणं । ॥ उक्लेवो॥ एवं खल, जम्बू , तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नयरी । कोट्ठए चेइए । जियसच राया ॥२६७॥ तत्थ णं सावत्थीए नयरीए नन्दिणीपिया नाम गाहावई परिवसइ अड्डे । चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ वद्धिपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं । अस्सिणी भारिया ॥२६८॥ सामी समोलढे । जहा आणन्दो तहेव गिहिधम्म पडिवजह । सामी वहिया विहरइ ॥ २६९ ॥ तए णं से नन्दिणीपिया समणोवासए जाए जाव विहरइ॥२७० ॥ तए णं तस्स नन्दिणीपियस्स समणोवासयस वहूहिं सीलब्बयगुण जाव भावेमाणस्स चोइस संवच्छराई वीइकन्ताई। तहेव जेट्ठ पुत्तं ठवेइ। धम्मपण्णत्ति। वीसं वासाई परियागं । नाणत्तं। अरुणगवे विमाणे उववाओ।महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ ॥ २७१ ॥ ॥निक्लेवो॥ नवमं नन्दिणीपियज्झयणं समत्तं ॥
SR No.010825
Book TitleUvasagdasao
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages262
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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