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________________ सिंघाडग] संविल्लिय - संवेल्हिन संवेग - संवेग सव्व-सर्व सव्वओ -- सर्वतः सव्वण्णु - सर्वज्ञ सव्वेव सर्वा एव संसार संसार सह- सह (धातु) सहस्स–तहस्रा संहर - + (धातु) C सहस्स - सहल सहस्सम्ववण ---सहलाम्रवन सहाइया-सहायिका सा-सा साइम - स्वादिमन् साओ- स्वाः शब्दसूची सामाणिय-सामानिक सामि स्वामिन् सारइय-- शारदिक सारक्खमाण -- संरक्षन्त् साला - शाला सालि -- शालि सालिहीपिय-- सालिद्दीपित ( श्रावकस्य नाम ) ११३ सावग वा सावय-- श्रावक सावत्थी -- श्रावस्ती ( नगरस्य नाम ) सास--वाम साहड - संहृत्य साहस्थि -- स्वहस्तं स्वहस्तेन वा साक्षादित्यर्थः ) साहस्तिय-- साहसिक साग - शाक साहस्सी -- साहली w साडी -- शाटी ( शकट इति सि-असि ( अस्धातोः । ) सिक्कग --शिकक शिक्यक वा विवरणकारः ) साडीकम्म -- शकटकर्म ( शक- सिक्खा - शिक्षा सामन्त --- सामन्त टानां घटनविक्रयवाहनरूपम् ) सिङ्ग - शृङ्ग सिङ्गय—— शृङ्गक सामा-श्यामा (खियो नाम ) सिङ्गारिय - शृङ्गारिक सामाइय-सामायिक सिंघाडग- शृङ्गाटक -
SR No.010825
Book TitleUvasagdasao
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages262
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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