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________________ श्री अरनाथ चरित्र. (१२५) ॥श्री अरनाथ चरित्रम् ॥ पूर्व विदेददेवना विनूषणरूप मंगलावती विजयने विषे अमरावतीथी पण अधिक समृध्विंत रत्नसंचया नामनी नगरी मे. त्यां इंनी पेठे न्यायमार्गे प्रजानुं पालन करनार अने असंख्य नोग संपत्तिना धणी एवा महीपास नामना नूपतिये दीर्घकाल पर्यंत राज्य करयु. पी गुरुना मुखपी धर्म सांजली वैराग्यवंत श्रयेला ते नूपतिये पोताना म्होटा समृध्विंत राज्यने त्यजी दर चारित्र लीधुं. अनुक्रमे अगीयार अंगनो अभ्यास करी अने गीतार्थपणुं पामी तेमज नत्कृष्ट तप अने संयममां नद्यमवंत प्रश्ने पृथ्वी नपर विहार करता ते मुनि बहु वर्ष पर्यंत शुइ संयमर्नु आराधन करीने तथा विश स्थानक तपथी अरिहंत गोत्रकर्म बांधीने परी मृत्यु पामी सर्वार्थसिह देवलोकने विषे सुखकारीतेत्रीश सागरोपमना आयुष्यवंत एदादेवतापणे नत्पन्न थया. त्यांची चवीने ते महिपालनो जीव आ नरतक्षेत्रना हस्तिनापुर नगरना सम्यक् दर्शनथी अति निर्मल एवा सुदर्शन राजानी श्रेष्ठ रूपवाली देवी नासनी राणीना नदरने विषे चौद स्वप्नने सूचवीने अवतस्यो, अढारमा जिनेश्वर श्री अरनाथ प्रन्नुना जन्म समये रेवती नक्षत्र हतुं, माटे ते जिनेश्वरनो जन्म रेवति नक्षत्रमा अयो. पली उपन्न दिग्कुमारीकाये मली प्रनुनो जन्म महोत्सव कस्यो. चोसठ इंशेए पण प्रनुने मेरुपर्वत नपर लइ जर हर्षथी अनिषेक करो. पनी इं३ तेमने पोतानी माता पासे मूक्या. सुदर्शन महाराजाए पण हर्षथी सनुष्योने आश्चर्यकारी एवो पुत्रनो जन्म महोत्सव कस्यो. ज्यारे प्रत्नु माताना गर्नने विषे श्राव्या दता त्यारे माता श्रीदेवीये स्वप्नामां रत्ननिर्मित आरो (पैमानो वचलो नाग) दीगे हतो, ते उपरथी पिताए पुत्रनुं नाम 'अर' पामयु. निरंतर देवतानश्री विंटलायला तथा नत्तम मुखवाला प्रन्नु वय अने गुणोथी चंनी पेठे अधिक वृद्धि पामवा लाग्या. अनुक्रमे अदृश्य आहार अने नीहारवाला, नज्वल अंग, रुधिर अने मांसवाला, प्रफुल्लित कमलना समान श्वासवाला, वजना समान कटिन्नागवाला, वैमुर्यमणिना समान राता हाय अने प्रसंशा करवा योग्य नख तथा होठवाला, गुप्त सांधायुक्त ढींचण वाला, हाथीनी सुंढ समान साथलवाला, गोलाकार जांघवाला, सुवर्णना कु. ."
SR No.010819
Book TitleRushimandal Vrutti Purvarddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShubhvarddhansuri, Harishankar Kalidas Shastri
PublisherJain Vidyashala Ahmedabad
Publication Year1901
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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