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________________ ७६ [६० वर्ष पालक राजा, १५५ वर्ष नवनन्द, १०८ वर्ष मौर्य वंश , ३० वर्ष पुष्यमित्र, वलमित्र भानुमित्र ६०, नहपान ४० वर्ष । गर्दभिल्ल १३ वर्ष, शक ४ वर्ष कुल मिलाकर ४७० वर्ष (उन्होंने विक्रमादित्य गजा को प्रतिबोधित किया) जिसका राज्य वीर निर्वाण के ४७० वर्ष वाद हुआ । 'तीर्थकर महावीर' विजयेन्द्रसूरि, प.० ३१९ ईसापूर्व ५२७ वर्ष भगवान महावीर के निर्वाण के पश्चात् दिगम्वर आम्नायानुसार केवली, श्रुतकेवली और दशपूर्वधरों की सूची (1) केवली१. गोतम गणधर १२ वर्ष मुधर्मा १२ वर्ष जम्बृम्वामी ३८ वर्ष श्रुत केवली-५ विष्णनन्दी १४ वर्ष नन्दिमित्र १६ वर्ष अपगजित वर्ष गोवर्धन १९ वर्ष २९ वर्ष भद्रबाह १६२ वर्ष दिगम्बर आम्नाय के अनुसार १६२ वर्ष पश्चात् श्रुतकेवली का लोप माना गया है-(ई. पू. ३६५) कादशगणधग:-- 'एन्द्रभूतिनिनिर्वायुभतिः मुधर्मकः । मौयमोऽयौ पुत्रमित्रावकम्पनमुनामधृक् ।। अन्धनः प्रभामश्च संख्यान् मनीन यजे। गौतमं च मुधर्म च जम्बम्वामिनमध्वंगम् ।। ध्रुनकेलिनान्यांश्च विष्णुनन्यपराजितान। गोवर्धनं भद्रबाहुं दापूर्वधरं यजे ।' -प्राचार्य जयसेन प्रतिष्ठापाठ
SR No.010812
Book TitleTirthankar Varddhaman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandmuni
PublisherVeer Nirvan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1973
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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