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________________ | धेवपएस पडिओ चिंतइ हद्धी कयं मए पावं । तो नियदुचरिएहिं निहओ इमिणा अहं दुट्ठो ॥२५॥ इय भयभावगओ मरिऊणं गंगिलाइ उयरम्मि । नियपक्खित्ते बीए पुत्तत्ताए समुप्पन्नो ॥२६॥ भत्ता य गंगिलाए मुहचावल्लेण कवडकुसलाए । अलियाई जंपिउं पत्तियाविओ तो उ सो गब्भो ॥ वड्ढइ पइदियहं चिय कमेण जाओ य सो तओ पुत्तो । मह बीएण महेसरदत्तो जाणइ इमो जाओ ॥ तो परितुट्ठो कारइ वद्धावणयं कमेण सो पुत्तो । जाओ वरिसपमाणो वढ्तो अन्नदियहे य ॥२९॥ जायं संवच्छरियं समुद्दवणियस्स तो तहिं दिवसे | तज्जीवो चिय महिसो किणिओ पुत्तेण मंसट्टा ॥३० अह विरसमारसंतो मारेउं भोयणम्मि लोयस्स । दिन्नो तओ महेसरदत्तो उवउत्तसेसं तं ॥३॥ मंसं काऊणं भायणम्मि उवविसइ भोयणट्ठाए । पुत्तोऽवि य उच्छंगे चिट्ठइ विणिवेसिओ तेण ॥३२॥ सा वि बहला सुणिया तदारं मुंचए न कइया वि | वीणेऊण महेसरदत्तो तो मंसमझाओ ॥३३॥ पक्खिवइ समसाई तदभिमुहाई समग्गअट्ठीणि । सावि हु सुणिया खायइ तुहा एयाइं एत्तो य ॥३४ अइसयनाणी साहू समागओ तत्थ मासपारणए । उवउत्तेण इमेण य नायं सव्वं पितं तत्तो ॥३५॥ संवेयमुब्वहंतो विणिग्गओ ताउ झत्ति गेहाओ । संभंतो य महेसरदत्तो पिट्टीइ धावे ॥३६॥
SR No.010801
Book TitleBhav Bhavna Prakaranam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubodhchandra Nanalal Shah
PublisherGangabai Jain Charitable Trust Mumbai
Publication Year1986
Total Pages516
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size19 MB
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