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। सेट्ठी पवास भजा धिजाइयसंगकुक्कुडगसाहू । सीसं दारगचेडीहर राया समणमाजोणी ॥ १२९॥8 * 'सेट्टी' इत्यादि । आसि इह वसंतपुरे कोट्ठो सेट्ठी पइडिओ लोए । भज्जा वजा नामेण तस्स तह देवसम्मो त्ति ॥१॥ माहणपुत्तो गिहदेवपूयकारी अईवहियइट्ठो। पुत्तो अईववालो पियंकरो लक्खणसणाहो ॥२॥ अत्थोवजणहेउं पभूयदरो कयाइ सो सिठी । सोहणदिवसे देसंतरम्मि संपढिओ तेण ॥३॥ भणिया भज्जा तुह तिनि संति गेहे सुएण तुल्लाणि । |मयणसलाया कीरो कुक्कुडओ रक्खणिज्जाणि ॥४॥ अह सेविम्मि पउत्थे निच्चं सा तेण संगया संती। माहणसुएण जाया
लंघिय कुलसीलमज्जाया ॥५॥ सो निच्च रयणीए तीए सगासं जया घरं एइ। को तायस्स न वीहइ मयणसलागा तया भाभणइ ॥ ६ ॥ वारेइ सुओ जो अन्नियाए दइओ स अम्हवि य ताओ । अवसरवियाणओ एवमप्पणो रक्खणं कुणइ 13/॥७॥ पयइअमरिसणसीला मयणसलाया वह परिसवेइ । सा नियमुहदोसाओ पावाए विणासिया तीए॥८॥ साह
जुगमन्नदिवसे भिक्खट्टा तग्गिहं अइगयंति । एगोत्थ जीवलक्खणवियाणओ कुक्कुडं दटुं॥९॥ कय सबदिसालोओ जो सीसमिमस्स खाइ सो राया । नियमा होइ त्ति भणेइ वीयसाहुं पडुच्च इमं ॥१०॥ निसुयं च तेण माहणसुएण कडगाइअंतरट्टिएण । भणिया वजा मारेहि कुक्कुडं जेण भक्खेमि ॥ ११॥ सा भणइ निविसेसो सुयाओ एसो न मारणिज्जो मे। आणेमि अन्नमेसो नेच्छइ तिघेण निबंधे ॥ १२॥ ववरोविओ पचिज्जइ जा सो ता रजकंखिरो बटुओ । ण्हाउं गओ ह पुत्तो तीसे सो लेहसालाओ ॥ १३ ॥ गिहमइगओ छुहत्तो रोवइ मंसं च सिज्झइ न ताहे । थालीमुहाओ उक्कमिण दिन्नं च से सीसं ॥१४॥सो गहियभायणो जा कुणेइ उववेसणं न पेच्छेइ । थाले कुक्कुडसीसं कहिं तयं तो
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