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________________ ७८४ युगवीर-निवन्धावली प्यारे भाइयो। यदि आप वास्तवमे अपना कल्याण और हित चाहते हैं और यदि आप फिल्मे इस भारतवर्षको उन्नतावन्यामे देखनेकी उच्छा रखते हैं तो कृपाकर अपने हृदयों में विवेक-प्राप्तिका यत्न कीजिये, अपने धर्म-प्रन्यो तथा नीति-गाम्योका नियमपूर्वक अवलोकन व स्वाध्याय कीजिये और अपने बालक व बालिकाओको नियमसे सबसे प्रथम धार्मिक शिक्षा दिलाइये, स्वय दुराचार और अन्यायको त्यागकर अपनी सन्तानको सदाचारी बनाइये और उसको न्यायमार्गपर चलना सिखाइये । जवतक आप ऐसा नहीं करेंगे तबतक आप कुछ भी इस मनुष्य-जन्मके पानेका फन नहीं उठा सकते। नाशा है, हमारे भाई इस लेखको पढकर जरूर कुछ शिक्षा ग्रहण करेंगे। १. जैन गजट १४ ७ १९०९
SR No.010793
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages881
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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