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________________ द्रव्य सग्रहका अंग्रेजी सस्करण ५४३ देखनेमे मनोहर मालूम होता है। इस प्रकार इस ग्रथमे ११ चित्र हैं, जो जिल्दके साथ बँधे हुए हैं और उनकी सूचना भी ग्रथमे एक सूची-द्वारा दी गई है। ये सब चित्र बहुत बढिया कागज पर छपाये गये हैं और इनकी रक्षाके लिये साथमे एकएक वारीक कागज भी लगाया गया है । इन सब चित्रोके सिवाय ग्रन्थमे तीन चित्र और भी रक्खे हुए हैं, जो ग्रथके सव प्रकारसे तैयार हो जानेके वाद पीछेसे शामिल किये गये हैं और इसलिये उनकी वाइडिंग भी नहीं हो सकी। इनमेसे पहला चित्र श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्तीका किसी प्राचीन मूर्तिपरमे उतारा हुआ फोटो है। परन्तु वह मूर्ति कहाँपर मौजूद है और उसपर नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्तीका सूचक क्या चिह्न पाया गया है, यह सब उक्त चित्रमे कुछ भी नही बतलाया गया, जो वतलाना चाहिए था। दूसरा चित्र द्रव्यसग्रहके अगरेजी अनुवाद, टीका, उपोद्घात, प्रस्तावना और नोट्स आदिके प्रधान सपादक तथा लेखक प्रोफेसर शरच्चन्द्रजी घोपालका है। ये दोनो चित्र भी जिल्दके साथ बँधने चाहिये थे । रहा तीसरा चित्र, वह जैनियोके कुछ चिह्नोका द्योतक है और उसका इस ग्रथसे प्राय कुछ भी सम्बन्ध नहीं है । दूसरे, यह चित्र 'वुकमार्कर' नामके एक अलग पत्रखड पर भी अकित है जो ग्रथमे, रेशमी फीतेसे अलग, पठित पाठको सूचित करनेके लिये रक्खा गया है। इसलिये इसको अलगसे छपाकर रखनेमे फिजूल ही अर्थव्यय किया गया है। चित्रोको छोडकर ग्रन्थमे, अनेक प्रकारकी सूचियाँ भी लगाई गई हैं। जैसे १ साधारण विषय-सूची, २ उन पुस्तको तथा पत्रोकी नाम-सूची जिनसे इस ग्रन्थके तैयार करनेमे सहायता ली गई अथवा परामर्श किया गया, ३ स्वर-व्यजनोको अगरेजी अक्षरोमे किस प्रकारसे लिखा गया उसकी निदर्शक सूची, ४ मूल
SR No.010793
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages881
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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