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कोलम पाठकाः । श्रीमद्रूपचंद जिद्रण-स्तच्छिष्य पं० विद्याशीलमुनिस्तच्छिष्यो गजसार मुनिस्समयसारनाटक ग्रन्थमलिखत्। श्रीमद्गवडीपुराधीशप्रसादाद्भावकं भूयात्पाठकानाम् श्रोतॄणां छात्राणां शश्वत् । श्रीरस्तु ।
प्रति परिचय सुन्दर अक्षर पत्र १४३, पं० १५, अक्षर ५० ।
[ सहित्यालंकार मुनि कांतिसागरजी संग्रह ] अन्य प्रति- बीकानेर ज्ञान भंडारों में
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