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१ बीकानेर--१ अनूप संस्कृन लाइन रो, २ समय जैम अन्याय, ३ मोतीचंद जी मान्बी समझ, ४ जिन चारित्र सूरे संपह, ५ मामी नरोत्तमदानी का संग्रह ६बह शान मंडार (वह भी वृहद शान भंडार का ही एक विभाग है। गोविन्द पुस्तकालय, ६ स्व. कविराज सुखदानजी चारण संग्रह, १० जवचन नी भंडार, ११ मानमलजी कोठारी संग्रह, १२ सेठिया जैन प्रथालय, १३ यति मोहनलालजी १४ भाचार्य शाखा भण्डार १५ सजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्टा र १६ महो० रामलाल जी संग्रह, १७ मानमलजी कोठारी संग्रह।
२ भीनासर-१ स्व० यति सुमेरमल जो का संग्रह,
३ जयपुर, १ राजस्थान पुरातत्त्त मंदिर लाइब्ररी ४ रतननगर १ श्री काशीराम शर्मा का विद्याभवन संग्रह, ५ राजुलदेशर कंवला गच्छीय गतिजी को एक प्रति ५ चूरू सुप्रसिद्ध सुराणा लाइब्रेरी।
जैसलमेर-१ बड़ा खान भण्डार, २ लोकागच्छ उपासरा, ३ माह धम्पतजी का संग्रह, ४ पति डुगरसी भण्डार ( का एक पत्र गुटका ) ।
८ चित्तौड़-यति बालचन्दजी का संग्रह। ६ मथानियां-श्री सीतारामजी लालस का संग्रह ।
१० कोटा-उपाध्याय विनय सागरजी संग्रह जो पहिले हमारे यहाँ था भव कोटा में स्थापित किया है।
११ आमेर-यह दिगम्बर भट्टारकजी का संग्रह है । इसकी सूची प्रकाशित हो चुकी है।
१२---मुनि कांति सागरजी का संग्रह जो उनके पास देखा गया था ।
इनमें से अनूप संस्कृत लाइब्ररी, हमारे एवं खजान्ची संग्रहादि में और भी ही अज्ञात हिन्दी ग्रंथ हैं जिनका विवरण ग्रंथ विस्तार भय से नहीं दिया गया।
प्रस्तुत ग्रन्थ में दो सौ से भी अधिक कवियों की उल्लेखनीय' रचनाओं का विवरण प्रकाशित है। इनमें से बहुत से कवि अभी तक ज्ञात नहीं थे।
१ श्रमी तक ग्रंथों की शोध हुई उनकी की गई पूरी सूची प्रकाशित नहीं । अतः कुछ अन्य
पूर्व प्राप्त मी पाये हैं यथापि ऐसे ग्रन्थ हैं बहुत थोड़े ही।