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________________ टिप्पणियाँ [ ३१ - २०४०० १२४०० ६४०० २२००० ३०. वैकियलब्धिवंत | २०६०० ३१, वादियों की संख्या | १२६५० ३२. अवधिज्ञानियोंकीसँ६००० ३३. केवली संख्या 1 २०००० ३४. मनःपर्यव संख्या १२७५० ३५. चौदह पूर्वी संख्या । ३६. श्रावक संख्या ३५०००० ३७ श्राविका संख्या ५५४००० ३८. शासनयक्षनाम .. | गोमुखयत ३६. शासनयक्षिणी चक्रेश्वरी ४०. प्रथम गणधरनाम | पुंडरीक ४१. प्रथम आयोनाम ४२. मोक्षस्थान अष्टापद ४३. मोक्षतिथि माघ वदी १३ . ४४. मोक्षसलेषणा ६ उपवास ४५. मोक्षासन पद्मासन ४६. अंतरमान १२५५० ३७२० २६८००० ५४५००० महायत अजितवला सिंहसेन फाल्गु सम्मेदशिखर चैत्र सुदी ५ १ मास कायोत्सर्ग ५० लाख कोटि सागर मानव गण सर्प योनि १००० तीन भव नकुल योनि ४७. गणनाम मानव गण ४८. योनि नाम ४६. मोक्ष परिवार १०००० ५०. सम्यक्त्वके बाद । तेरह भव भवसंख्या ५१. कुल नाम इक्ष्वाकु कुल ५२. गर्भकालमान इक्ष्वाकु कुल माह.२५ दिन नौ माह चार दिन -
SR No.010778
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGodiji Jain Temple Mumbai
Publication Year
Total Pages865
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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