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________________ ॥ श्री गोडो पार्श्वनाथाय नमः ।। S प्रकाशकोंका वक्तव्य श्री गोडी पार्श्वनाथ जैन मन्दिर और धर्मादा विभागों के ट्रस्टी महाशयोंने ज्ञान विभागकी प्रायमेंसे एक अच्छी रकम ज्ञानप्रचारके लिए अलग निकाली है, और ज्ञानप्रचार में उसका उपयोग करने के लिए एक ज्ञानसमिति बनाई है। समितिने उद्देशपूर्तिके लिए एक पुस्तकालयकी स्थापना की है, उसमें सभी तरह के हजारों ग्रन्थ हैं और जनता उनसे लाभ उठाती है। और एक ग्रंथमाला भी आरंभ की है। उसमें अब तक नीचे लिखे ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। . (१) शाखवार्ता समुच्चय (२) कुमारपाल भूपाल चरित्र (३) नवतत्त्व बावनी (४) सुयगडांग सूत्र भाग १ ला (५) पंच प्रतिक्रमण सूत्र (६) सुयगडांग सूत्र भाग दूसरा (७) Jainism in Gujrat (८) सेठ मोतीशाह (६) श्री भगवतीसूत्रम् [-यूनिवरसिटोके विद्यार्थियों के लिए ] (१०) श्री. उत्तराध्ययन सूत्र [विद्यार्थियोंके लिये प्रेसमें] इनमेंसे नं० १, २, ३ की एक प्रति भी स्टाकमें नहीं है । . अब इस ग्रन्थमालाके १५वें मनकेके रूपमें, कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य रचित श्री त्रिषष्टि-शलाका पुरुष चरित्रके पहले व. दूसरे पर्वका हिंदी अनुवाद, प्रकाशित किया जा रहा है।
SR No.010778
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGodiji Jain Temple Mumbai
Publication Year
Total Pages865
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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