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________________ নাম অমি निर्माण नय मी को मियांग र अन यापूर्वक गरे नि माम के उपचार के Frir मी 7 मियांग : तप नेभा । निवांण न्यान कामी , धागा , गिटनेमि म्यानी, महासनी और ना मानो नादि ग तो कर प्रमशः Pre, an, सम, प र मोर 47 पर मिशहए। मालामा मो मानहानी, प्रगलानी और भरिने EAT I या गैर मर्म (कायोमर्ग) आमनस मार। नीशंकरों की भर संग्या पसंमान सामपि पाल में २: सोहर भगवान को गम्याय FRE.बाट ने भय भाग में मोक्ष पधारे उनी भय मामायनी ही भर मस्या , मिनाथ पानी की ११, भारमि पानी की, पाना यानी की 10, महापौर म्यानी की और एमीगेगी भागंन्या या बीस बालों में से किसकी आगधना कर नीधर गोत्र बाँधा? प्रथम तीर्थकर श्री कामगदेव पानी और नाम तीर्थदर श्रीमहाचोर म्यागी ने तीधर गोत्र यांचने के योग योलों की भारापना की थी और शेष तीरों में एक, दो, तीन या गभी योलों की भाराधना की थी। तीर्थंकरों के पूर्वभव का श्रुतिमान प्रथम तीर्थर श्री ऋषभदेव म्यानी पूर्वभव में द्वादशांग गन्नधारी और गेप तेइस तीर्थदर ११ अग रात्रधारी हुए ।
SR No.010773
Book TitleAgam ke Anmol Ratna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherLakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages805
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size24 MB
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