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________________ आयारदसा है अर्थात त्याग नहीं करता है। इसी प्रकार यावत् सर्व प्रकार के क्रोध से, सर्व प्रकार के मान से, सर्व प्रकार की माया से, सर्व प्रकार के लोभ से, सर्व प्रकार के प्रेय (राग) से, सर्व प्रकार के द्वाप से, सर्व प्रकार के कलह से, (परस्पर झगड़ा करने से) सर्वप्रकार के अभ्याख्यान से (दूसरों को असत्य दोप लगाकर कलंकित करने से) सर्वप्रकार के पैशुन्य से (चुगली करने से) सर्व प्रकार के पर-परिवाद (लोगों का पीठ पीछे अपवाद) करने से, सर्वप्रकार की रति (इप्ट पदार्थों के मिलने पर प्रसन्नता) और अरति (इष्ट पदार्यों के नहीं मिलने पर अप्रसन्नता) से और सर्वप्रकार की माया-मृपा (छलपूर्वक असत्यभापण) करने और वेप-भूपा बदलकर दूसरों को ठगने) से, तथा सर्वप्रकार के मिथ्यादर्शन शल्य से यावज्जीवन अविरत रहता है अर्थात् जन्म भर उक्त १८ पाप-स्थानों का सेवन करता रहता है। सूत्र ७ सव्वाओ कसाय-दंतकट्ठ-हाण-मद्दण-विलेवण-सद्द-फरिस - रस-रूव - गंधमल्लालंकाराओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए, सव्वाओ सगड-रह-जाण-जुग-गिल्लि-थिल्लि-सीया-संदमाणिया-सयणासणजाण-वाहण-भोयण-पवित्थरविहिओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वाओ आस-हत्थि-गो-महिस-गवेलय-दास-दासी-कम्मकर-पोरस्सामओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वाओ कय-विक्कय-मासद्ध-मासरूपग-संववहाराओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए। सव्वामओ हिरण्ण-सुवण्ण-धण-धन-मणि-मोत्तिय-संख-सिलप्पवालामओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वामओ फूडतुल-फूठमाणामओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वाओ आरंभ-समारंभाओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वाओ पयण-पयावणाओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वामओ करण-करावणाओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए; सव्वाओ कुट्टण-पिट्टणाओ तज्जण-तालणाओ वह-बंध-परिफिलेसामओ अप्पडिविरए जावज्जीवाए। जे यावण्णे तहप्पगारा सावज्जा अवोहिया कम्मा पर-पाण-परियावण-कडा कज्जति ततो वि य अप्पडिविरए जावज्जीवाए। वह नास्तिक मिथ्यादृष्टि सर्वप्रकार के कषाय रंग के वस्त्र, दन्तकाष्ठ (दातुन-दन्तधावन) स्नान, मर्दन, विलेपन, शब्द, स्पर्श, रस, रूप, गन्ध, माला और अलंकारों (आभूषणों) से यावज्जीवन अप्रतिविरत रहता है। वह सर्वप्रकार
SR No.010768
Book TitleAgam 27 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Aayaro Dasha Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1977
Total Pages203
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashashrutaskandh
File Size6 MB
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