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________________ (३७) ऋषिमंमलत्ति-पूर्वाई. शने सांजली व्रत लेवानी चा करे . में वहु आग्रह कस्यो तोपण ते पोता ना घरने विषे रहेतो नथी; तो हवे हुं पण ते म्हारा पुत्रने दीक्षा अपाववानी श्या करूं; जेश्री हे देव ! आप म्हारा नपर प्रसन्न श्रश् मने बत्र, चामर अने) मुकुट ए त्रण वस्तु आपो.” श्रावच्चानां आवां वचन सांतली क्षायक समकितने धारण करनारा अने हर्षमां व्याप्त श्रयेला कृष्ण पोताना प्रफुल्लित नेत्रश्री श्रावचाने जोता उता कहेवा लाग्यो के, “हे मात ! हुं पोतेज तमारा घरने विपे आवीने म्हारा बंधुरूप तमारा पुत्रनो स्नेहपूर्वक म्होटो दीक्षा म. होत्सव करीश." कृष्णनां या प्रकारनां वचनश्री न वर्णवी शकाय एवा संतोषने पोताना हृदयमां धारण करती तेमज कृष्णथी सत्कार पामेली अने लोकोए वखाणेली ते धावचा पोताना घरप्रत्ये आवी. पठी योमा परीवार स.. हित श्रीमान् कृष्ण तुरत थावचा पुत्रना घरे आव्या. श्रावचा पण पोताना घरने विषे चारे वाजुए तोरणो बंधावीने तेजवंत मुक्ताफलोथी साथियाननी हारोने रचाववा लागी. तेमज कुसुंवी दिव्य वस्त्रोथी युक्त एवा जल नरेला घमानने पण महा राजज्ञड़ियी वारणानी पेमलीयो नपर मूकाववा लागी. वली हाश्रमां कारीयोवाली कुमारीकान पासे गीत गवराववापूर्वक माण मुक्ताफलश्री श्री कृष्णने वधाववा लागी. पठी कुलवालानुए वधावेला कृष्ण परिवार सहित आनंदपूर्वक श्रावञ्चा: ना घरनी अंदर गया. त्यां ते मणिजभित्र सुवर्णना सिंहासन पर बेसी प्र. सन्न नेत्रश्री तेनां सर्व घरने जोवा लाग्या, आ वखते पोताना पुत्रनी वत्रीश स्त्रीयोने आगल करी थावचाये तुरत कृष्णने हर्पश्री नमस्कार कस्यो. पठे। नमस्कार करता एवा यावच्चा पुत्रने कृप्णे पोताना हाथथी पकमीने सुमित्रनी पेठे पोताना सिंहासन पर वेलायोअने सौन्नाग्यनी समृदियी कामदेव. समान तेने स्नेह दृष्टिश्री जोता उता अमृत वचनवमे कहेवा लाग्या के, "ह बन्स ! म्हाळं हितकारी वचन सांजल.आ पृथ्वीने विपे रूप संपत्तिये करान निम्पम अति कोश्नी नपमा न पापी सकाय तेवं, लोगोने योग्य-अनेस हमीने पण प्रार्थना करवा जेवू या न्हालं नव योवन . माता सर्व प्रकार दिनकारी अने स्त्रीयो पाग नत्तम गुणोयी अति मनोदर ठे. हे विशेष जाण: मो. याचो स्याम नां नेने तुं शा माटे न्यजी दे वे ? तने जे वस्तु ३४
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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