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________________ '. साहित्य जन-समूह के हृदय का विकास है ] ६३ सुई का अग्रभाग ढक जाय उतनी पृथ्वी भी हम विना युद्ध के न देंगे "सूच्यग्रं ' नैव दास्यामि बिना युद्धेन केशवं ।" परिणाम में एक भाई दूसरे पर जय लाभ कर तथा जघा में गदाघात और मस्तक पर पदाघात कर उसे वध कर भाई - के राजसिंहासन पर आरूढ हो सुख मे फूल अनेक तरह के यज्ञ और दान में प्रवृत्त हुश्रा । रामायण और महाभारत के प्राचार्य क्रम से कविकुल-गुरु वाल्मीकि और व्यास थे । पृथ्वी के ओर-बार देशों में इनके समान या इनसे बढ़कर कवि नहीं हुए ऐसा नहीं है । यूनान देश में होमर, रोम देश में वरजिल, इटली में डेंटी, इङ्गलैण्ड में चौसर और मिल्टन अपनी-अपनी . ‘साधारण प्रतिभा से मनुष्य जाति का गौरव बढ़ाने मे कुछ कम न थे । परन्तु विचित्र कल्पना और प्रकृति के यथार्थ अनुकरण में चिरन्तन वृद्ध वाल्मीकि के समान होमर तथा मिल्टन किसी अश में नहीं बढ़ने पाये, जिनकी कविता के प्रधान नायक श्रीरामचन्द्र आर्य जाति के प्राण, दया के अमृत-सागर, गाम्भीर्य और पौरुष-दर्य की मानो सजीव प्रतिकृति थे । वे प्रीति और समभाव से महानीच जाति तक को गले से लगाते थे। उन्होंने लंकेश्वर से प्रबल प्रतिद्वंदी शत्रु को कभी तृण के बराबर भी नहीं समझा । स्वर्णमंडित , सिंहासन और तपोवन में पर्णकुटी उन्हें एक सी सुखकारी हुई । उनके स्मितपूर्णाभिभाषित्व और उनकी बोलचाल की मुग्धमाधुरी पर मोहित हो दंडकारण्य की असभ्य जाति ने भी अपने को उनका दास माना । अहा ! धन्य श्रीराम चन्द्र का अलोकिक माहात्म्य, धन्य वाल्मीकि की कल्पनासरसी. . जिनमें ऐसे-ऐसे स्वर्ण-कमल प्रस्फुटित हुए। । , काल के परिवर्तन की कैसी महिमा है जो अपने साथ ही साथ मानुषी प्रकृति के परिवर्तन पर भी बहुत कुछ असर पैदा कर देता है । वाल्मीकि ने मान-जिन बातों को अवगुण समझ अपनी कल्पना के प्रधान नायक रामचन्द्र । में बरकाया था, वे ही सव व्यास के समय मे गुण हो गई , जिनकी कविता का मुख्य लक्ष्य यही था कि अपना मन अपना गौरव, अपना प्रभुत्व जहाँ तक । हो सके, न जाने पावे | भारत के हर एक प्रसंग का तोड़ अन्त मे इसी बात पर है। शत्र सहार और निज काय-साधन-निमित्त व्यास ने महाभारत मे जो दे .
SR No.010761
Book TitleHindi Gadya Nirman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmidhar Vajpai
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2000
Total Pages237
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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