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________________ [ ६१ ] भाराथ (१५)--भारत, युद्ध । भीपम (६२)-भीप्म पितामह । सारी (४७)- सब भुडा (१७)—खराव, नीच । भाळि (५६) देखकर भु जन ( )-भलन, स्मरण । भालीअल (४४) ललाट भुजाडी (५)--शक्तिशाली, समर्थ । भिडि (१५)-भिडकर, युद्ध कर। | भुजाली (१९)-भुजाओ वाली । भिडियो (६३)-भिडा, टक्कर ली, भुजाली (१)-समर्थ, शक्तिशाली । युद्ध किया। भुजिया (८३)-भजन किया । भिरिण (७४)- कह भुजैतौ (५) तेरे को भजे । भिणीज ( )-मरण किया जाय । | भुणीज (४०) कहा जाता है । भिणे (८)-कहो, भए । भुयण (१५, ४८, ४९)-भुवन, लोक भिळणो (२)-परिवृत होना। भुयणा (६१)-भुवन, लोक । भिले (३४)-श्रेप्ट, वाह वाह ।। भुवणा (१०२)-लोको भिळे (१८)-१ फिर, पुन २ मिले, | भूक (१८}-- १. भूख, २ पुकार । इकट्ठा हो। भू गळ (६६)-फूक वाघ विशेष । मिळे (८५, ६, २०)--मिल गये, मूंडी (८९)-खराव, बुरा । शामिल हुए, फिर, और । भू (२२)-भू भीजै (४१)-प्रसन्न हो जाय । भूक (६१)- ध्वस, नाग । भीड (५२, ५४)-कट, कष्ट । भूचरा (८५)-भूमि पर विचरन करने । भीडिया (८०)-भीडा, कुचला । वाले। भीम (३४, ६२, ६७)-पादु पुत्र भीम, भूत (८५) विदर्भ का राजा भीष्मक भूवरजी (६७-विष्णु का एक नाम जो रक्मरिण का पिता या । सूधरा (५१)-भूवर, विष्णु । भीम रै (९६)--राजा भीष्म के जो भूधग (३४)-श्रीकृष्ण, विष्णु भू को रुक्मरिण का पिता था। धारण करने वाला। भीर (२१, ५५,७७, ६०)-सहायता भूप (३५)-राजा, स्वामी। मदद। भेख (३५, ५५)-भेप, वेग । भील (५६)--एक जाति । भेटण (७२)-स्पर्ग करने को। भीपम (६५)-भीष्म पितामह । | भेदु (३६)-भेद, रहस्य ।
SR No.010757
Book TitlePirdan Lalas Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages247
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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