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________________ [ १० ] | उतिमि (३८, ४५)-उत्तम, श्रेष्ठ । उभारणा (३६, ६७ )--वलया, उत्तिम (२८)-उत्तम, अष्ट । न्योछावर । उयापि (६६) -उयापन करके, उन्मूउकति (२३)-उक्ति। लन करने । उकत्ति (३४)-उक्ति। उथापै (१००)-उन्मूलन करता है। उखिरण (२८) उठाकर । उदाळण (९२)-उन्मूलन करने को। उगर (६२)-उग्रमेन, कस का पिता। उद्याम (३५, ४६)-उदासीन, विरक्त उग्रसेन (५, ६६)-कस का पिता, | उद्यामी (६०)-विरक्त, उदामीन । मथुरा का राजा। उचरिया (२, ६८, १००)-उद्धार उचरा (३८)-उच्चारण करें। किया, मोक्ष दे दी। उचार (७१)- उच्चारण, जप। उधर ( ३६)-उद्धार किए, उद्धार उचारे (४५)-उच्चारण किया, उच्चा करता है। रण करके। उधार (३६)- उद्धार। उद्याळी (१४)-दो, वितरण करो। उधारण (१, ५, १००)-उद्धार करने उछाह (६)-उत्सव । को। उजाळ (१८)--उज्ज्वल । उधारी (५८)-उद्धार किया। उझाट (५८)-उछालते, वांटते। उधार (१८)-उद्धार कर देना। उठाडिया (८४)---उठाये, उत्पन्न किए (२६)-उद्धार करता है । उठ (४१)-वहाँ। (५६, ६६)-उद्धार किया । उडार्ड (४२)-उडाड देता है। उधिरिस (१०२)-उद्धार होगा। . उरण (३६)--उस। उडिया (१०३)-विदीर्ण कर डाले, उरणहार (३५)—सूरत । मार डाले। उणि (९, ४८)-उस। उवेडिन (१२)-उन्मूलन करेगा, उगिहारि (३२)-समान । उखाड देगा। उतामळो (५५)-गीव्रता पूर्वक । उवेर्ड (४७)-उधेडता है। उतारिस (१२, ६६)-उतारेगा, मिटा उपज (४३) उत्पन्न होते हैं । देंगे। उपना (७४)-उत्पन्न । उतार (२०)--आरती करता है। उपराध (३५)-अपराध । (३२)-दूर करे। अपराधा (९७)-अपराध, दोष ।
SR No.010757
Book TitlePirdan Lalas Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages247
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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