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________________ ६६. स्मरण का टेबुल-खाट [विरुद्धता] टेबुल सपाट होती है और खाट (चारपाई) कुछ अन्य प्रकार की होती है । पर यह विरुद्धता की बात ___ ठीक नहीं बैठती क्यो कि यह एकदम विरुद्ध गुण नही है कि जिससे उसे विरुद्धता की कक्षा मे डाला जा सके । (५) गधा-घोडा [विरुद्धता] एक प्राणी मूर्ख है, दूसरा 'प्राणी होशियार है। गधा-मूर्ख मनुष्य [समानता] गुरण में दोनो समान है। गधा-सहनशीलता [तादात्म्य] गधा-गोणी (टाट की दुहरी बोरी) [निकटता) ठीक है, पर कुम्हार ज्यादा उपयुक्त है । (६) ग्राम- शहर [विरुद्धता] दोनों बसने के स्थान हैं। इसलिए एक प्रकार की समानता है। रीति रिवाज की दृष्टि से विरुद्धता की कल्पना की जा सकती है। पर निकटता का सम्बन्ध सबसे अधिक उपयुक्त है। शहर के पास गाव अवश्य बसे हुए होते है। ग्राम-ढेढवाडा० [समानता] यह उचित नही है। इसमे समानता नही पर कार्य कारण भाव है। ग्राम कारण है और ढेढवाड़ा कार्य है। ग्राम होता है वहाँ ढेंढवाडा भी होता है, इसलिए उसे कार्य भाव मे रखना उचित है। '' ग्राम-सादगी [तादात्म्य] (७) नदी-सरोवर [निकटता] नदी-सरोवर सूख गये है तो भो धरती का स्वामी मेघ नही आया । नदी-झरणा [ समानता ] दोनों एक प्रकार के पानी के प्रवाह हैं। ठीक है, परन्तु कारण भाव यहाँ भी अधिक उपयुक्त जंचता है। नदी-पवित्रता तादात्म्य] • टेंढो को वमने का स्थान ।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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