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________________ १४० स्मरण कला ठाकुरदास सी० आई० ई. के सभापतित्व मे किये गये प्रयोग से जाना जा सकता है। विषयानुक्रम १. ६ समान अ को का वर्ग करना । २. ईस्वी सन् के अमुक वर्ष के अमुक महीने की अमुक तारीख को क्या वार था? यह खोज निकालना। ३. सीधे आडे और तिरछे खानो को गिनते हुए एक समान संख्या आए, इसी प्रकार नव खाना वाले जादुई यन्त्र बनाना । (प्रश्नकर्ता द्वारा कथित सख्या का ही परिणाम लाना, सख्या तीन से विभक्त हो ऐसी होनी चाहिए। अवधान-कार प्रथम बार तीन खाने भरायेगा )। ४ ऊपर के अनुसार ही १६ खानो के चौरस यन्त्र मे कही हुई संख्या भरना (प्रश्नकर्ता कोई भी सख्या दे सकता है)। ५. ३६ अंकों की लम्बी सख्या याद रखना ( प्रश्नकर्ता ३६ अको की एक संख्या लिखकर उसके तीन तीन अंकों के १२ टुकडे बनाएगा। हरेक टुकडे को नम्बर देकर उन्हे क्रम-व्युत्क्रम से बोलेगा। पहली बार उनमे से जो चाहेगा वह एक टुकडा बोलेगा। ६ सस्कृत भाषा का ६ शब्दो का वाक्य याद रखना ( इन शब्दो को प्रश्नकर्ता नम्बर देगा। प्रथम यह नम्बर बोल के शब्द एक ही बार स्पष्टता से कहेगा। ६ शब्दो को आगे पीछे सुनना, प्रत्युत्तर के समय उम वाक्य को क्रमश: प्रस्तुत करना । ७ ३६ अ क की सख्या का दूसरा टुकड़ा सुनना । ८. अवधानकार कुछ वार्ता प्रस्तुत करेगा। ९ हिन्दी भाषा का ६ शब्दो का वाक्य (न० ६ के अनुसार) । १० ३६ अंक संख्या का एक टुकड़ा । ११-१२. प्रश्नकर्ता संख्याबद्ध वस्तुप्रो मे से ८ वस्तुओं को पसंद करके उन्हे नम्बर देगा। उन वस्तुओं के समुदाय से यथेष्ट दो वस्तुयो का अवधानकार को पीछे से स्पर्श करायेगा जब इस प्रकार
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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