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________________ स्मरण कला १११५ ___ ५९२ = फ ल र - फुलेरा । फुलेरा जक्शन पर आग की लपटे उठ रही हैं। ७४१ = व ज न = बकरे पर खूब वजन भरा हुआ है। बकरे पर वजन से भरी हुई थैली रखी हुई है। __ ६५२ % बफ र = बफारा इतना अधिक दिया गया कि उससे पानी के रेले चल पडे । पानी का रेला यह बफारा का परिणाम है। यहां तुम कुछ मिनट ठहर कर नीचे के मुताबिक विचार कर लो। धान्य का ढर-नारद, करोत-गोमेघ, आग फुलेरा, बकरा-वजन, पानी-बफारा इन शब्दों को फिर एक बार मन मे स्थिर करो। बाद मे आगे बढो । १२८ न र स-नीरस = ग्राम की ऋतु बीत गई इसलिए श्राम बेकार हो गये है। ४२६ च र म-यवो के छाबडे में चरम (कीडे) पड़ गये हैं। ३६१ ग ल न = गलना = पिंजरा गलने से पानी छानने के कपडे से ढका हुआ है। २५२ र प ट = उल्लू अपने घोसले मे रपट कर गिर पडा है । १०८ न द श-नदीश शकर भगवान नदी (बैल) पर बैठे है। यहाँ फिर पाँचो चित्रो पर निम्नोक्त विचार करो। श्राम - नीरस, यव-चरम, पिंजरा-गलना, उल्लू-रपट, नदी-नदीश । इन्हे मन मे बराबर स्थिर करो। तुम्हारे मन मे क्रमाक तो निश्चित है ही। इसलिये उनका विचार करते ही समस्त शब्द क्रमश याद आ जायेगे । १. अन्न का ढर-नारद नाचते है-नारद-नरद-१२० २ करोत-उससे गोमेध हो रहा है-गोमेध-ग म ध ३६० ३ आग को लपटें फुलेरा पर-फुलेरा-फल र–५९२ ४. बकरा वजन से दब रहा है वजन-७४१ ५. पानी-बफारो-ब फ र-६५२ ६. प्राम-नीरस-नीरस-न र स-१२८ ७. यवों का छाबडा-कीट-चरम-च र म-४२६
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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