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________________ - अनुक्रमणिका ८२५ धम्मरसायण ३५६ धर्मदास ४९० धम्मविहिपयरण (धर्मविधिप्रकरण) धर्मदासाणि (उपदेशमाला के कर्ता) ३४१ ३६२, ४९१, ५०० धम्मसंगहणी ३३२ धर्मनृप ५२४ धम्मावात ९९ धर्मपरीक्षा (कर्ता अमितगति) धम्मिलकमार३६५,३८३ ३१९ (नोट) धम्मिलहिण्डी ३८१ धर्मप्रभसूरि ४५६ धरणेन्द्र ५३० धर्मरत ४९० धरणोववाय १९० धर्मरुचि २०६ धरसेन २७४, २७७, २७८, ३२४, धर्मवर्धन ५७० .. ६६९, ६७३ धर्मविजय ३४५ धरावास ४५६ धर्मशास्त्र १०४ धर्मकथा ३१०, ३६०, ३६१, ३९४ धर्मसागर (दसासुयक्खंध के टीकाधर्म का परिणाम ५२३ ___ कार) १५५' धर्म का लक्षण ४९९ धर्मसागरगणि (तपागच्छ पट्टावलि धर्म का साधक ५२२ के कर्ता)३५५ धर्मचक ४२० धर्मशेखरगणि ३४९ धर्मवरचक्रप्रवर्ती ११७ धर्मसागरोपाध्याय (जम्बुद्दीवपत्ति धर्मचिंतक १९१ __के टीकाकार) ११६ धर्मचिंता १५४ धर्मसागरोपाध्याय (प्रवचनपरीक्षा धर्मपालन ५५८ के कर्ता)३३२. ३३३, ३४२ धर्मघोप (श्राद्धजीतकल्प के कर्ता) धर्मसेनगणि ३८१, ३८२ धर्मघोष (कालसत्तरिप्रकरण के का धर्मसेन (पूर्वधारी)३१६ ६४९ धर्माचार्य ५७, १११ धर्मघोष (बंध पत्रिंशिका प्रकरण धर्माख्यानकोश ४८९ के कर्ता)३४९ धर्मोपदेशमाला ३७३, ४९० धर्मघोष (मः सरणप्रकरण के कर्ता) 'धर्मोपदेशमालाविवरण ३७२, ५०० ३४८ धवल ५२७ धर्मयोपराच्छ ३७४ धवलाटीका २७५, २८१, २९३, ३१३, धमंघोपसूरि (कालिकायरियकहाणय ६४४, ६७३ के कर्ता) ४५५ धातकीखंड २९६,३४७ धर्मघोपरि ५७१ धातु १११ धर्मघोप (मुनि) ८३, २०७, ३०७ धातु १९१ धर्मतिलक ५७० (नोट) धातुवाद ३५४, ४१९, ४२३, ४३९, धर्मदास (बनारसीदास के साथी) ३३३ धातुवादी ३६८,४३० ५०७
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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