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________________ ७६६ प्राकृत साहित्य का इतिहास रइअरकेसरणिवहं सोहइ धवलब्भदलसहस्स परिगअम् । महुमहदंसणजोगं पिआमहुप्पत्तिपंकअं व णहअलम् ॥ (स० कं० ४, ४५ सेतु० बं० ३,१७ ) सूर्य की किरणरूपी केसर के समूहवाला, धंत मेधरूपी सहस्रदल वाला और feष्णु के दर्शन योग्य ( शरद्काल में विष्णु जागरण करते हैं और आकाश रमणीय दिखाई देता है ) ऐसा आकाशमंडल ब्रह्माजी के उत्पत्ति-कमल के समान शोभित हो रहा है । (रूपक अलङ्कार का उदाहरण ) इअं पिता सोहइ रद्दजोग्गं कामिणीण छुणणेवच्छं । कण्णे रइजइ कवोलघोणन्तसहआरं ॥ जा ण (स०कं० ५,३०६ ) कामिनियों के रतियोग्य उत्सव के अवसर पर धारण की हुई वेशभूषा तब तक शोभित नहीं होती जबतक कि वे कानों में कपोलों तक झूलती हुई आम्रमअरी नहीं धारण करतीं । रइकेलि हिय नियंसण कर किसलयरुद्ध नयणजुयलस्स । रूस तइयनयणं पव्वइ परिचुवियं जयइ ॥ ( काव्या० पृ० ८७, ९२; गा० स०५, ५५; काव्य प्र० ४, ९७ ) रतिक्रीड़ा के समय महादेव जी द्वारा पार्वती के निर्वस्त्र कर दिये जाने पर पार्वती ने अपने करकमलों से महादेवजी की दोनों आँखें बन्द कर दीं। (तत्पश्चात् महादेव अपने तृतीय नेत्र से पार्वती को देखने लगे ) । पार्वती ने उनके इस तृतीय नेत्र का चुम्बन ले लिया, इस नेत्र की विजय हो ! रविग्गहम्मि कुण्ठीकआओ धाराओ पेम्मखग्गस्स । अण्णमआईं व्व सिज्झन्ति (? खिजन्ति ) माणसाई गाइ मिहुणाणम् ॥ (स० कं० ५, १९३ ) सुरत युद्ध के समय प्रेमरूपी खड्ग की धार कुंठित हो जाने से मानों एक दूसरे से पृथक् हो गये हैं ऐसे काम मिथुन के हृदय खेद को प्राप्त होते हैं । ( मान का उदाहरण ) रणदुज्जओ दहमुहो सुरा अवज्झा अ तिहुअणस्स इमे । पड अत्थोति फुडं विहीसणेण फुड़िआहरं णीससिअं ॥ (स० कं० ४, २२५ ) रावण युद्ध में दुर्जय है, और देवताओं का वध नहीं किया जा सकता, इसलिये त्रिभुवन के लिये बड़ा संकट उपस्थित हो गया है, यह जानकर विभीषण ने अपने स्फुटित अधर द्वारा श्वास लिया । ( अतिशयोक्ति अलङ्कार का उदाहरण ) रतुप्पलदलसोहा तीअ वि चसअम्मि सुरहिवारुणीभरिए । ariबेहिं महरा पडिमा पडिएहिं लोभणेहिं लहुइआ ॥ (स० कं० ४, ६२ ) सुगंधित वारुणी से भरे हुए पानपात्र में किसी नायिका के मद से रक्त हुए नेत्रों
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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