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________________ ७०२ प्राकृत साहित्य का इतिहास चिंचिणीगा-घरट्टिका छेप्प =पूँछ दिजउदो वोडही= कुमारी या तरुणी पुक्करइ%= पुकारता है चंदिल = नापित डाल-शाखा वोड= दृष्ट अथवा कनविदा खिल्लियं खरीदा छीओल्लक% मुखविकार टोपी टोपी अडअणा% असती झुलंति =झूलते हैं पाउहारी खेत में भोजन ले जानेवाला थुक्किऊण-थूककर हेडाउ =दासी (?) करिमरिबन्दी मंड-मांडा पाडीभैस उंडा' = गहरा भोण्डी = सूकरी सिद्धिवधूपरिरंभ-सिद्धिरूपी वधू का तउसी = ग्वीरा आलिंगन वेल्लहल = सुन्दर लिजउलो लेहल = लंपट ठगिओठगा गया मंडल%Dकुत्ता झिलिओ=झल लिया कुडंग- महिप साहुलि= एक वस्त्र चिरडी वर्णमाला गड्डय = गाड़ी कुइंति = कूदते हैं सिरिवालकहा (ईसवी सन की चुंटतो चुनते हुए १४ वीं शताब्दी) पट्टइल = पटेल खिल्लेइ खेलता है पेडय-समूह मुकलपय-मुक्तपद = अकेले इड्डरीय =इडली (एक प्रकार की मिठाई) आमूलचूल = अथ से इति तक लीलावती (ईसवी सन् की ८वीं लिंकली= एक पात्र शताब्दी वेसरी-खच्चर हलब्बोल = कोलाहल लाग-चुंगी अज्झा= नवपरिणीता गुड्डर-खेमा खोर = अधम स्त्री, वेश्या भुंगल =एक वाथ पोरत्थ %दुर्जन गाथासप्तशती ( ईसवी सन् की गडिया प्रथम शताब्दी) पुली यात्री डिबईउ = निंबकीट उत्तावल: उतावला P १. ऊण्डा गुजराती में ३. मराठी में गुढीतोरण २. मराठी में शेपटी
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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