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________________ भवभावना ( ईसवी सन् की १२ वीं शताब्दी ) काणवराड = कानी कौड़ी चलुअतिग= तीन चुल्लू गंदलीभूअ = गंदला कंणरोलो (?) बंंदुरा प्राकृत ग्रन्थों की शब्दसूची = अश्वशाला गावीचुंखणडिंभ = कृष्ण का संबोधन कुट्टए = कूटता है। ढोय' = लकड़ी की डोई कच्छोह = छोग फाड = फाड़ता है ठिक्करियाओ = ठीकरियाँ वाणिजाराय = बनजारे चिंगिया (?) रसोइ = रसोई चुंटिऊण = चंटकर लूइआ = ल. घंटे =ता है। बुंबाओ ' = चिल्लाना लूडइ = लूटता है बहिणी रंडोल (?) भेट्टिओ = भेंट की = बहन कप्पासपूर्णी अंबिली = इमली पोते = कपड़े घरगोजरी = छिपकली = कपास की पूनी दम्म = द्रम्म कण्णकय = कान को कहुआ लगने वाला १. गुजराती में डोयो ३. गुजराती में बूम मारना ५. मराठी में करवत ७. सुकान गुजराती में बहुय = बटुक चक्खुलिंडि = आख का मैल (?) पासनाहचरिय ( ईसवी सन् की १२ वीं शताब्दी ) बेडिला = नौका, जहाज कंडवडी (?) तंबोलबीडओ : करवती = करवा रंधयारीहर = रसोईघर आलपाल (?) अराडी = कोलाहल = पान का वीड़ा कुसी = लोहे का हथियार पेडा = मंजूषा, पेटी तलहट्टी = सिंचन टालिअ खोट्टिगा = खोटा सिक्का = भ्रष्ट गालिदाण = गाली देना नाहर = रीठा = निन्दा सुदंसणाचरिय ( ईसवी सन् की १३ वीं शताब्दी) • सिह बइहो : = बैठा ७०१ भिल्ल = कर्णधार ( नाव का ) भाइणेयी = भागिनेयी सुक्का : = सुकान दोसि हट्ट = कपड़े की दुकान मुरुऋख = मूर्ख सुपासनाहचरिय ( ईसवी सन् की १२ वीं शताब्दी ) निक्कालेउं = निकालने के लिये २. मराठी में कासोटा ४. पश्चिमी हिन्दी में पोत ६. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राड
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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