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________________ ६९८ प्राकृत साहित्य का इतिहास डहर बालक गोणी बोग कुवणय=लगुड ' নবািসা =খিল বিশাল खोड-काष्ठमय | गंतग- वन कलम= शालिविशेष ग्वउर-निकना पदार्थ खग्गूड = आलसी = निद्रालु = अश्रद्धालु पिहस्स पीसणं णिरस्थं पीसे हुए को काहीएकाथिक-कथा कहने में तल्लीन पासना निरर्थक है धंतं- अनिशय थाइणि = बडवा = बोदी सागारिक शय्यातर = वसति आदि | ओलि' पंक्ति देने वाला। पेलव-निःसत्त्व घाडिय% मित्र मत्तग%मूत्र साही= पंक्ति काहू = एक वृक्ष छिन्ना=छिनाल = छिनाल कोंचवीरग%= एक जलयान रुंद%विस्तीर्ण उज्जल - अत्यन्त मलिन ओवग गर्त खट्टामल = पूपलिकाग्वादक = सौ वर्ष का खरय-दास बूढ़ा जो स्वयं स्वाट से उठने में वेंटल वशीकरणप्रयोग असमर्थ हो। वियरग%= कूपिका नवरंग दृतिका = मशक एरंडइय=जिसे हड़क उठी हो मकोडग = मकोड़ा सेडुग% कपास पेल- पूनी दसा:किनारी बहिलग-करभी, वेसर, बैल आदि गोर-गोधूम अगंठिक - केला=(जिसमें गाँठ न हो) अवसावण-कांजी चोलय = भोजन डगण= एक यान उअपोत-आकीर्ण फिल्मसिया-फिसल गई गाध-कथ % कहना तत्ति = व्यापार सेडग%= श्वेत पन्चावी प्रव्रजित खेरि परिशाटी वसधि = वसति गंधसाली-गंधशालि जाधे= यदा अधव% अथवा अहवण= अथवा छुटगुल-गीला गुट विगड-मय सिण्हा= अवश्याय सगल' =समस्त काइय% कायिकी = दीर्घशंका, लघुशंका भोइय =ग्रामस्वामी सीताजमहलपूजा सोहा सूखी लकड़ी घरासे = गृहवासे अध% अक्षणिक रहउड= राठौड १. मराठी में सगळा २. हिन्दी में सोंटा ३. मराठी में ओळी
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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