SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 701
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६९४ प्राकृत साहित्य का इतिहास कुत्तियावण = ऐमी दृकान जहाँ हर । दमन्द = पाँच वस्तु मिलनी हो। भोयणपिङग = ग्याना माने का विधा चोप्पाल = चौपाल (टिफिन) पल्हथिअपलोथी जाणुकोप्परमायाकैरल घोंटू और कासवगनाइ कोनी की माता (पंध्या) वग्गू-बचन हस्थसंगही हाथ में हाथ डालकर ज्ञातृधर्मकथा (प्राचीन आगम) मना अट्टणसाला व्यायामशाला नटुलग% नृत्य जवणिया यवनिका = परदा निप्पपसिणवागरण (निस्+स्पृष्ट अलंकारियसभाम्बाल काटने का सैलून प्रश्नग्याकरण)-निरुत्तर पोचड' =निस्सार मुहमकडिया मुँह टेढ़ा करके चिदाना चप्पुरिया-ताली देना आषयण = वधस्थान पढमिल्लुग-प्रथम पाणियधरिया=पनिहारिन मिसिया=आसन देदीप्यमान-चिलकता हुआ झोड़ा-जीर्ण निंदूसक = गेंद जीवविप्पज = जीव से वंचित = उवासगदसाओ (प्राचीन आगम) निश्चेतन पायदहरिय-पाद का आघात मेढी = आधार सवहसाविय-शपथशापित-शपथ दिल भुमगाओ (भ्रवी)भौं पोह % पेट करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए| अंगुली= अमुन्दर अंजलिं कटु = दोनों हाथों की | पेयाल = प्रधान अंजलि करके मस्तक पर रखना चाउरंत= जिसके चार अंत हो (संसार) उदुंबरपुफ्फ पिव दुल्लहे सवणयाए, नन्नस्थ (नान्यत्र)सिवाय किं पुण पासणयाए = उदुम्बर के | निडाल = ललाट पुष्प के ममान श्रवण करना भी | वेहास (विहायस)= आकाश दुर्लभ है, देखने की तो वात दूर रही। अल्ललठ्ठी (आर्द्र यष्टि)= मुलहठी आसुरुत्ते तिवलियं भिउडि निडाले | अमाघाय-जीवहिंसा न करने की घोषणा कट्टु = क्रोध से अकुटि चढ़ाकर मिसिमिसायमाण = क्रोध से दाँत गिरिकंदरमल्लीणा इव चंपगलया | पासना पर्वत की गुफा में सुरक्षित चंपक की | अन्तःकृतदशा (प्राचीन आगम) लता की भाँति जिंदू = बाँम मारामुके विव काए = वधस्थान से | वावत्ती (व्यापत्ति)= विपत्ति मुक्त कौए की भाँति | पासादिय= प्रासादित सुन्दर वाना १. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पोचड़ा ३. मराठी में पोट २. मराठी में चेंडू
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy