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________________ ४९० ४९२ , गाहासत्तसई ५७९ ५१४' FF K .. २ सिरिवालकहा ४७९ । कुम्मापुत्तचरिय रयणसेहरीकहा ४८२ | अन्य चरित-ग्रन्थ ५६८-५७० महिवालकहा ४८७ | स्तुति-स्तोत्र-साहित्य ५७०-५७२ औपदेशिक कथा-साहित्य ४६०-५२४ आठवां अध्याय उवएसमाला प्राकृत काव्य-साहित्य (ईसवी सन् उवएसपद - की पहली शताब्दी से १८वीं धर्मोपदेशमालाविवरण शताब्दी तक) ५७३-६१० सीलोवएसमाला ५०५ ५७३ भुवनसुन्दरी वज्जालग्ग भवभावना गाथासहस्री ५८४ उपदेशमालाप्रकरण सेतुबन्ध ५८५ संवेगरंगसाला कामदत्ता ५८९ विवेकमञ्जरी ५२१ गउडवहो उपदेशकंदलि महुमहवित्र उवएसरयणायर हरिविजय वर्धमानदेशना रावणविजय सातवां अध्याय विसमबाणलीला प्राकृत चरित-साहित्य-( ईसवीसन । लीलावई ५९८ की चौथी शताब्दी से १७वीं, - कुमारवालचरिय शताब्दी तक) ५२५-५७२ | सिरिचिंधकव्व ६०३ -सोरिचरित ६०५ पउमचरिउ ५२७ हरिवंसचरिय जंबूचरिय हंससंदेश सुरसुन्दरीचरिय कुवलयाश्वचरित - रयणचूडरायचरिय उसाणिरुद्ध पासनाहचरिय ५४६ महावीरचरिय ५५० नौवां अध्याय सुपासनाहचरिय नाटकों में प्राकृत ( ईसवी सुदंसणाचरिय. ५६१ सन् की प्रथम शताब्दी से जयन्तीप्रकरण ५६६ १८वीं शताब्दी तक) कण्हचरिय ६११-६३५ ५२३ wr ५३४ भृङ्गसंदेश ६.७ ५४१
SR No.010730
Book TitlePrakrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages864
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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