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________________ श्री अगरचन्द नाहटा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व 16-18 नर रत्न मोती शाह जैन जगत नैतिक जीवन और धर्म जैन जगत नरेन्द्र कीर्ति रचित मिच्छामिदुकर्ड और समयसुन्दर की पदमावली डाल वीर वाणी निर्ग्रन्थ विद्यापीठ जैन नागौर के दिगम्बर हस्तलिखित जैन ज्ञान भण्डार जैन संदेश निर्वाण महोत्सव के विरोधी आ. रामचन्द्रसूरिजी और चन्द्रविजय श्री अब भी सोचे क्या खोया क्या पाया जैन संदेश निर्वाण-भक्ति हरिवंश पुराण में महावीर निर्वाण कल्याणक का वर्णन जैन संदेश निर्वाण-महोत्सव पर योजनाबद्ध कार्य हो जैन गजट निर्वाण-महोत्सव पर क्या खोया क्या पाया शाश्वत धर्म नवकार महामंत्र के अचिंत्य फल की अनुभव कथा जैन मित्र नरहड़ की पार्श्वनाथ सांतिशय प्रतिमा की खोज की आवश्यकता अभय संदेश निर्वाण भूमि अभय प्रदेश घोषित की जाये चौराहा निर्वाण महोत्सव की अमर यादगार-विश्वविद्यालय की स्थापना जैन संदेश नेम से महातम ओक्तमो नाकोड़ा पार्श्वनाथ का एक प्राचीन स्तवन जैन तीर्थकर नाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थकर न्याय अन्याय रौपईसो जैन भारती 25-26 20 फर.59 1 श्री अगरचन्द नाहटा द्वारा लिखित आलेखों की सूची पहली कृत कविताएँ सम्मेलन पत्रिका 52 प्रविणाशय पातुर नाम की एक और कवयित्री सम्मेलन पत्रिका 11 पौने छ: सौ वर्ष प्राचीन विज्ञप्ति पत्र विकास पच्चीस सौवीं जयन्ती में जैनेतर लेखकों का सहयोग अत्यावश्यक है जैन भारती पूर्व देश के जैन मन्दिर सन्मति संदेश प्राचीन जैन लेख संग्रह तित्थयर पर्युषण पर्व और जैन सम्प्रदायों की एकता जैन जगत पूर्वकालीन ओसवाल ग्रंथकार ओस. नवयुवक प्राकृत भाषा का मदन मुकुट कामशास्त्र भार. विद्या प्राचीन जैनेतर ग्रंथों पर जैन टीकाएँ भार. विद्या पाणी पीजै छाण कुशल निर्देश प्रतिमा विज्ञान सन्मति वाणी प्राक्ष्य विशेष कहानी मध्य प्रदेश संदेश 2 प्रद्युम्न चरित्र का रचनाकाल व रचयिता अनेकान्त पोथीखाने में बनारसीदास की कोई अज्ञात रचना नहीं है वीर वाणी पद्मचारियों में तीर्थकर माता के स्वप्नों की संख्या पर विचार वीर वाणी प्राचीन जैन आगमों में ज्योतिष ज्योतिषमति प्रकाश का पर्व दीपावली राज. समाज 16 41-43 प्रेम, सहिष्णुता और सेवा समाज विकास 18 प्रवासी राजस्थानी बन्धुओं से समाज विकास 18 पार्श्वनाथ चतुर्विंशति प्रतिमा का चित्र सन्मति संदेश श्री फूलचन्द महाराज का एक विशिष्ट व्यक्तित्व आत्म रश्मि सित. 1982 पल्लू में जैन प्रतिमाओं की आवश्यकता वल्लभ संदेश 10 पूजा-प्रतिष्ठा श्वेताम्बर आगम सम्मत है वल्लभ संदेश 10 पं.जीवधर कृत अमरसार शोध पत्रिका प्राचीन जैन राजस्थानी गद्य साहित्य शोध पत्रिका प्राचीन जैन ग्रंथों में सं. गणना विज्ञान 99 पर्युषण पर्व आत्म विशुद्धि का महान पर्व है महावीर मिशन पर्युषण पर्व विशेषांक पंजाब में रचित 17वीं शताब्दी की एक अप्रकाशित प्रेम कथा पंजाब सौरभ पंजाब जैन ज्ञान भण्डार, वहाँ के जैन संघ का कर्तव्य विजयानन्द पूज्य वर्णीजी एक महान आत्मा थे । वीर वाणी प्राचीन राजस्थानी हस्तलिखित ग्रंथों में श्री महालक्ष्मीजी री कथा हरावल पं. हरगोविन्ददास सेठ जैन जगत पर्वाधिराज पर्युषण शाश्वत धर्म 1 38-39 1/1946 पाशुपताचार्य वामेश्वरनाथ के दो ग्रंथों की ताड़पत्रीय प्रतियाँ राज, भारती प्राचीन राजस्थानी साहित्य में डिंगल वीर गीत राज, भारती पापों से बचिए और सत्कर्मों में लगिए कल्याण प्रवासी घासीराम शर्मा लिखित मारवाड़ियों का बिनोद भूषण जागती जोत प्राणप्रिय काव्य के रचयिता व रचनाकाल श्रमण प्राकृत भद्रबाहु संहिता का अर्हकाण्ड पर्युषणों में स्वाध्याय व ध्यानाभ्यास बढ़ाएं पार्श्वनाथ के संगीत समयसार का नया संस्करण सन्मति वाणी पूज्य उपाध्याय मुनि श्री विद्यानन्दजी सन्मति वाणी प्राणिमित्र श्री आनन्दरामजी सुराणा की महान सेवाएँ गोधन पर्युषण पर्व आत्मा का पर्व है । विजयानन्द प्रभावशाली आचार्य श्रमणोपासक पंजाब में रचित हिन्दी जैन साहित्य श्रमणोपासक प्रकाशित-अप्रकाशित स्मृति ग्रंथों की सूची सिद्धान्त सुधर्मा
SR No.010729
Book TitleAgarchand Nahta dwara Likhit Lekho ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherAgarchand Nahta
Publication Year
Total Pages62
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size26 MB
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