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________________ 184 गुणानुरागी बनिए गुजरात में प्राप्त हमीर संबंधी दो रचनाएँ ग्रहण शक्ति का विकास गृहस्थ का सामान्य धर्म गुजरात के एक महान भक्त सन्त गुजराती लोकागच्छ के आचार्य रतनसी जिन वाणी गजनामा ख्यात में पृथ्वीराज तथा ईश्वरदास के प्रसंग जिन वाणी गुलाब पंथ और उसकी मान्यता जिन वाणी वीर वाणी अजन्ता गीता संज्ञक कतिपय और जैन रचनायें गोपीचन्द आख्यान और राज. लोक गीत गीतकार समयसुन्दर और उनके गीत प्रयुक्त गीता के राजस्थानी पद अनुवाद ग्रन्थ प्रशस्ति संग्रह और दिगम्बर समाज गुणों की कीमत गुरु पारत श्रय (अपरहिंय) गुजराती शतावधानी प. धीरजलाल टी. शाह गुरु मनसुखलाल ताराचन्द मोहता पाप का मूल परिग्रह गुजरात की एक महत्त्वपूर्ण संस्था गुणवान कैसे बने गुणग्राही बनिये गर्भापरण संबंधी बातें गीता संज्ञक जैन रचनायें ग्यारह गणधर संबंधी ज्ञातव्य बातें गांधीजी की शिक्षायें गुजराती साहित्य के विशिष्ट लेखक जय भिक्षु गंगादास के लिखे रचित हिन्दी ग्रन्थ गृहस्थ का सामान्य जीवन गुढराज (पंचमी शदी अज्ञात काव्य ) गुजरात सोरठ देश तीर्थमाला गुणपाल रचित चहुआण रायसल गीत गोस्वामी रसालगिरी रचित स्वरोदय भाषा का रचनाकाल गोरखवाणी के पुनर्सम्पादन की आवश्यकता ग्रन्थानुसंधान अंबिकादेवी पूर्वभव वर्णन ग्रन्थानुसंधान हीरानंद सूरि रचित कलिकाल रास ग्वालेरी भाषा में रचित अन्योक्ति बावनी श्री अगरचन्द नाहटा व्यक्तित्व एवं कृतित्व कल्याण मधुमती कल्याण गुरु परम्परा प्रशस्ति गैरो पंडित ओछो सेठ दिव्य ध्वनि जीवन साहित्य अजन्ता अजन्ता अनेकान्त कुशल निर्देश कुशल निर्देश कुशल निर्देश कुशल निर्देश अवन्तिका जीवन यज्ञ शांति संदेश श्रमण श्रमण श्रमण जीवन साहित्य जीवन साहित्य संगीत सुधर्मा स्वाध्याय स्वाध्याय वरदा साहित्य संदेश सरस्वती हिन्दी अनु हिंदी अनु पत्रिका हिन्दुस्तानी कुशल निर्देश राज वीर 32 4 5 57 33 23 1 18 6 7 10 12 5 2 + 11 11 2 2 2 23 ..... अक्टु 1974 फरवरी 77 11 14 19 25 67 8 10 37 10 19 3 5 10 1-2 2 5 3-4 10 3-4 B 6 2-3 1 1 1 11 9 10 9 5 9 8 2 4 1-2 4 21 श्री अगरचन्द नाहटा द्वारा लिखित आलेखों की सूची गुजराती का एक महान शब्द कोष ग्रन्थानुसंधान- बारहमासा की परम्परा ग्रन्थानुसंधान-तेरहवीं शताब्दी का एक अप्रसिद्ध ग्रन्थ ग्रन्थानुसंधान संस्कृत टीकावाणी 11वीं शताब्दी की एक अपभ्रंश रचना ग्रन्थानुसंधान तीखी रात की रचभूयद्र रास गौड़ में ही झौड़ गुजरात के भक्त कवि दयाराम की ब्रज भाषा की रचना गुरुनानक रचित जपुजी का परमार्थ गुणकीर्ति रचित रामसीता रास गोपालगढ में रचित एक प्राचीन ग्रंथ विलहण चरित्र भारती भारती राज. भारती गुरु का महत्त्व गद्यसुकुमाल रास गुण विलास और वीर विलास के रचयिता नथमल भिन्न-भिन्न हैं गुटका नं. 262 का विशेष विवरण ग्राम संस्कृति और जैन साहित्य गुमान कुंवर रचित तीन पद गौतम रास के रचयिता विनयप्रभ संबंधी संशोधन गुजराती भाषा में दिगम्बर साहित्य गोशालक के शब्दों में महावीर स्तुति गऊ पुकार गौडीय सम्प्रदाय के मंदिर गिरीराज तीथों के रास्ते ग्रन्थावल के प्राचीन जैन शिल्प कला व अवशेषों के संरक्षण की आवश्यकता गम्भीर समस्या गीष्मावकाश में शिक्षण और साधनादि शिविरों की आवश्यकता है गुप्तकाल और पूर्व मध्यकालीन जैन धर्म पर वासुदेव उपाध्याय का वक्तव्य घृत के विविध लाभकारी प्रयोग चूंची चाय का बढ़ता हुआ प्रचार और उसका शरीर पर पड़ने वाला प्रभाव घ च भाषा 2 हिन्दी अनु पत्रिका 6 हिन्दी अनु पत्रिका 6 हिन्दी अनु पत्रिका 7 हिन्दी अनु पत्रिका 7 हिन्दी अनु पत्रिका 7 राष्ट्रभारती परिशोध परिशोध वीरवाणी वीरवाणी वीणा प्रेरणा वीर वाणी जैन सि. भास्कर पत्र सि. भास्कर हिंसा विरोध अमर ज्योति वीर संदेश जैन सन्देश श्वेताम्बर जैन जैन शासन जैन भारती स्वास्थ्य सरिता राज भारती अणुव्रत ............ 18 24 3 2 3 1950 मार्च 1968 185 2 4 3 3 10 4 2 3 12 2 15 13 4-5 4-5 5 1 1 8 1 38 36 21 12 9
SR No.010729
Book TitleAgarchand Nahta dwara Likhit Lekho ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherAgarchand Nahta
Publication Year
Total Pages62
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size26 MB
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